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अगर आप का बच्चा भी तनाव में रहता है, तो अपनाये ये टिप्स!

आजकल बच्चो के बीच प्रतियोगिता लगातार बढ़ रही है जिसकी वजह से बच्चे परेशान हो जाते हैं। आजकल बच्चों में चिंता तनाव और अवसाद सबसे आम समस्याएं हैं

आजकल बड़ों के साथ बच्चे भी तनाव की चपेट में आ रहे हैं। पढ़ाई- लिखाई में ज़रूरत से ज़्यादा दबाव के साथ मां-बाप के भी दबाव से बच्चे अक्सर तनाव में आ जाते हैं। इतना ही नहीं, स्कूल में दूसरे बच्चों का मज़ाक उड़ाना, पढ़ाई का दबाव आदि जैसी समस्याएं बच्चे पर अनुचित दबाव बनाती हैं जिसका असर उनके व्यवहार पर भी पड़ता है।

कैसे पता करें कि बच्चा तनाव में है या नहीं?

नींद न आना

बड़ो की तरह तनाव में बच्चों के लिए भी सोना मुश्किल हो जाता है। अगर आपका बच्चा तनाव में है तो वह भी रात में सो नहीं पाएगा और ऐसी भी उम्मीदें है वो मायूस भी रहेगा और उसे भयानक सपने आएं।

बात-बात पर गुस्सा करना

बच्चे अक्सर गुस्से की समस्या से जूझते हैं। उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का सही तरीका नहीं आता जिससे वे बात-बात पर गुस्सा करते है । अगर आपके बच्चे को बार-बार गुस्सा आ रहा है, तो ऐसी कोई बात ज़रूर है जो उसे परेशान कर रही है।

नाखून चबाना

हम अक्सर तनाव में अपने नाखून चबाते हैं। बच्चों के साथ भी बिल्कुल ऐसा ही होता है। बच्चे भी तनाव में अपनी नाखून चबाते हैं जब वह परेशान हों या तनाव में होते हैं तो वे नाखून को चबाना शुरू कर देते हैं।

खाने-पीने में बदलाव

अगर आपका बच्चा तनाव में है तो वह या तो ज़्यादा खाएगा या उसे भूख नहीं लगेगी। ज़्यादा खाना या भूख न लगना बच्चों में तनाव के अहम लक्ष्ण हैं।

चिड़चिड़ापन

बच्चे और चिड़चिड़ापन दोनों में गहरा रिश्ता है। लेकिन अगर आपका बच्चा अक्सर ऐसे मूड में दिखता है तो समझ जाइए कि कोई चीज़ उसे ज़रूर परेशान कर रही है। चिड़चिड़ेपन के साथ गुस्सा आम है। ऐसे में आपको उससे ज़रूर बात करनी चाहिए। साथ ही अगर उनके व्यवहार में अचानक फर्क दिखने लगता है तो आपको उन पर खास ध्यान देना चाहिए।

स्ट्रेस और एंग्जायटी से बचाव

हेल्दी फूड खाएं


आजकल बच्चो की डाइट में जंक फूड की मात्रा काफी बढ़ गई है। चाहे कितनी भी कोशिश कर लो, लेकिन बाहर के खाने से बचना मुश्किल है। लेकिन आपको ये समझ लेना जरूरी है कि जंक फूड बच्चो और बड़ो दोनों की सेहत पर सबसे बुरा असर डालते हैं। नियमित रूप से हेल्दी डाइट लेने से आप्नका बच्चा हेल्दी रहता हैं। फल, सब्जी, अनाज और प्रोटीन डाइट लेने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। इससे डिप्रेशन, एंग्जाइटी और तनाव को कम किया जा सकता है।

फिजिकल एक्टिविटी करें

स्ट्रेस और एंग्जायटी से बचने के लिए रोजाना कोई न कोई एक्टिविटी या गेम जरूर खेलने दें। फिजिकली एक्टिव रहने से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जिससे बच्चो का मूड अच्छा रहता है। व्यायाम करने से भी मानसिक तनाव दूर होता है।

भरपूर नींद लेने दें

डाइट के साथ नींद भी सेहत के लिए जरूरी है। जो बच्चे रात में अच्छी नींद लेते हैं उनका एनर्जी लेवल हाई रहता है। इसका सीधा असर उनके मूड पर पड़ता है। कई बार स्ट्रेस की वजह से नींद अच्छी तरह नहीं आती है जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

कैफीन का सेवन ज्यादा न करने दें

बच्चो को चाय या कॉफी की आदत से रखे दूर, चाय-कॉफी पीने से स्ट्रेस कम हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। ज्यादा कैफीन की मात्रा बच्चो और बड़ो दोनों की सेहत पर बुरा असर डालती है खासतौर से मानसिक स्वास्थ्य के लिए कैफीन का सेवन हानिकारक होता है।

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