China CCTV Spy in India: अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक निनोंग इरिंग ने खतरे की आशंका को जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में चीन द्वारा निर्मित सीसीटीवी कैमरे पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है. विधायक ने कहा कि आवश्यकता के अनुसार सीसीटीवी डेटा को सुरक्षित रखने के लिए सरकार स्वदेशी क्लाउड-आधारित सर्वर शुरू करने पर विचार करे.
चीन की एक बड़ी चालाकी सामने आई है, जिससे वह अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने में लगा है. दरअसल, सीसीटीवी के तौर पर भारत में चीन के करीब 10 लाख जासूस मौजूद हैं और इसके जरिए वह देश की तमाम गतिविधियों पर नजर रख रहा है. चीन की इस नजर पर केंद्र सरकार के आईटी मिनिस्ट्री की नज़र पड़ चुकी है. बीजिंग ‘मेड इन चाइना’ सीसीटीवी से भारत की एक्टिविटीज पर अपनी निगाहें बनाए हुए है.
एक अनुमान के मुताबिक देश में 10 लाख सीसीटीवी कैमरे मौजूद हैं, जो साइबर सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकते हैं. सस्ता होने के चलते भारत मे चाइनीज सीसीटीवी की खरीद बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन केंद्रीय एजेंसियां इस मामले को लेकर अब सतर्क हो चुकी है. अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने चीन की तरफ से की जा रही संभावित ‘जासूसी’ को देखते हुए ही चीन में बने सीसीटीवी पर नकेल कस दी है.
चीन में बने सीसीटीवी कैमरों पर प्रतिबंध लगाने की मांग
इस बीच, अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक निनोंग इरिंग ने खतरे की आशंका को जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में चीन द्वारा निर्मित सीसीटीवी कैमरों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है. पासीघाट पश्चिम के विधायक इरिंग ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी को लिखे एक पत्र में अपने घरों में चीनी सीसीटीवी कैमरे का उपयोग में न लाने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने हेतु एक अभियान शुरू करने का भी सुझाव दिया.
‘मेड इन चाइना’ CCTV कैमरे करते हैं जासूसी
विधायक ने कहा कि आवश्यकता के अनुसार सीसीटीवी डेटा को सुरक्षित रखने के लिए सरकार स्वदेशी क्लाउड-आधारित सर्वर शुरू करने पर विचार करे. उन्होंने अपने पत्र में कहा, ‘आईटी क्षेत्र में भारत के कौशल को देखते हुए, हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इस खतरे से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं.’
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