हिमाचल में भारी बारिश से 24 घंटे में 15 मौतें, मनाली-सोलन में टूटा 50 साल का रिकॉर्ड..

हिमाचल प्रदेश में पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही भारी बारिश से जन-जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू राहत एवं बचाव कार्यो की निगरानी में लगे हैं और प्रदेश तथा जिला प्रशासन के साथ लगातार सम्पर्क में हैं, ताकि आपातकाल की स्थिति में लोगों को समय पर मदद मिल सके.

News Jungal Desk: हिमाचल प्रदेश में बीते तीन दिन से जैसा मॉनसून का रौद्र रूप दिख रहा है, वैसा नजारा पहले कभी नहीं देखा गया. हालात पूरी तरह बेकाबू हो गए हैं. लगातार बारिश ने जल थल एक कर दिया है. हिमाचल में भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. सोमवार दोपहर तक मिली जानकारी के अनुसार, छह जिलों में रेड अलर्ट के साथ बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है. बारिश की वजह से पिछले 24 घंटों में 15 लोगों की मौत हो गई है. इस दौरान भूस्खलन से छह नेशनल हाईवे सहित 828 सड़कें बंद भी हैं. इसी तरह 4686 बिजली ट्रांसफार्मर और 785 पानी की स्कीमें भी ठप्प हो गई है. मनाली, सोलन और रोहडू में बारिश ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ कर रख दिए हैं.

दरअसल, हिमाचल प्रदेश में लगातार तीसरे दिन भी तेज बारिश का सिलसिला जारी है. भारी वर्षा से राज्य में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो चुका है. भारी वर्षा को देखते हुए सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों में सोमवार और मंगलवार (10 और 11 जुलाई) के लिए अवकाश घोषित किया गया है. इसके अलावा हिमाचल हाईकोर्ट और सभी जिला अदालतों में भी सोमवार को अवकाश घोषित कर दिया गया है.

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार जुलाई माह में पिछले 24 घंटों के दौरान मनाली, सोलन व रोहडू में बारिश ने पिछले 50 साल के रिकार्ड तोड़े हैं.

मुख्यमंत्री ने लिया राहत कार्यों का जायजा

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू राहत एवं बचाव कार्यो की स्वयं निगरानी कर रहे हैं और प्रदेश तथा जिला प्रशासन के साथ निरन्तर सम्पर्क में जुड़े हुए हैं, ताकि आपातकाल की स्थिति में लोगों को समय पर मदद पहुंचाई जा सके. रविवार को देर शाम मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों से बात की और संबंधित  जिलों में हुए नुकसान का जायजा लिया साथ ही प्रभावितों को तुरन्त मदद पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने तड़के सुबह 4 बजे तक विभिन्न स्थानों में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव कार्यों पर नज़र बनाए रखी और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए.

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