J&K में मुठभेड़ के दौरान 2 आतंकी मारे गए ,30 साल से सेना के लिए बशीर बना हुआ था ‘सिरदर्द’

सेना की 8वीं राष्ट्रीय राइफल्स और जम्‍मू कश्‍मीर के ज्‍वाइंट ऑपरेशन के दौरान उरी सेक्‍टर में दो आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया. वो बीते 30 साल से घाटी में सक्रिय था और आतंकियों की घुसपैठ के दौरान मदद किया करता था.

News jungal desk :-भारतीय सेना को गुरुवार को जम्‍मू-कश्‍मीर के उरी सेक्‍टर में आतंकियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली. सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन काली के तहत आतंकी बशीर अहमद मलिक को मार गिराया. उसका साथी अहमद गनी शेख भी एनकाउंटर के दौरान मारा गया. घाटी में आतंकी ढांचे और आतंकी समर्थकों के खिलाफ सेना बड़े पैमाने पर एक्‍शन ले रही है. बताया गया कि उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पार से आतंकवादियों की घुसपैठ की संभावना के संबंध में सेना और एसबी, श्रीनगर से विशेष खुफिया सूचना प्राप्‍त हुई थी. जिसे देखते हुए 15 नवंबर की सुबह संयुक्त अभियान चलाकर यह एक्‍शन लिया गया.

सेना की 8वीं राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल राघव ने उरी में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘मलिक तीन दशकों से अधिक समय से सक्रिय है और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद फैला रहा था. वह उत्तर में लीपा से लेकर दक्षिण में राजौरी के सामने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के इलाकों तक आतंकवादी संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण आतंकवादी लॉन्च कमांडर था.’ सेना की तरफ से बताया गया कि मलिक ने अनगिनत आतंकवादियों की एलओसी के माध्‍यम से भारत में घुसपैठ कराई थी, जिसके चलते कई भारतीय नागरिकों, सुरक्षाकर्मियों की जान जा चुकी है.

आतंकियों के मंसूबों को किया नाकाम
सेना की तरफ से कहा गया कि बारामूला जिले के उरी सेक्टर में एक ही क्षेत्र से बार-बार घुसपैठ की कोशिशें हो रही थी जो कश्मीर घाटी में मौजूदा शांति को खराब करने के लिए और अधिक आतंकवादियों को भेजने की दुश्मन की हताशा का प्रदर्शन है. कर्नल राघव ने आगे कहा, “हमारे पास एक मजबूत नियंत्रण रेखा सुरक्षा ग्रिड है और हम कड़ी निगरानी में हैं. भारतीय सेना घुसपैठ की ऐसी किसी भी कोशिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और हम दुश्मन को उसके शर्मनाक मंसूबों में कामयाब नहीं होने देंगे.’

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