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5 Mukhi Rudraksha :क्या है पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने की सही विधि और समय ?

5 Mukhi Rudraksha Dharan Karne Ka Sahi Samay

5 Mukhi Rudraksha :पंचमुखी रुद्राक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है | इसे भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है |

इस आर्टिकल में इसे धारण करने का सही तरीका और नियम के बारे में बताया गया है |

धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व (Rudraksha Benefits)

पंचमुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के पंचमुख पांच मुख का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान शिव के पांच रूपों ईशान, तत्पुरुष, अघोरा, वामदेव, और सद्योजात का प्रतिनिधित्व करते हैं | इसे धारण करने से आध्यात्मिक उन्नति और ध्यान की शक्ति बढ़ती है |

पंचमुखी रुद्राक्ष का महत्व (Five Mukhi Rudraksha Benefits)

पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से मन को शांति और स्थिरता मिलती है | यह मानसिक तनाव को कम करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है |

इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और सफलता आती है | पंचमुखी रुद्राक्ष दिल की बीमारियां | बीपी और तनाव संबंधित समस्याओं में लाभकारी होता है |

बुरी नज़र से बचाता है (5 Mukhi Rudraksha Ke Fayde)

पंचमुखी रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नज़र से बचाव करता है | यह व्यक्ति के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करता है और जीवन में सुखशांति बनाए रखता है |

क्या महिलाएं पंचमुखी रुद्राक्ष पहन सकती हैं? (5 Mukhi Rudraksha Benefits for female)

हां, महिलाएं रुद्राक्ष धारण कर सकती हैं | रुद्राक्ष एक पवित्र मनका है जो भगवान शिव के आंसुओं से बना है और इस पवित्र मनके को लिंग, जाति, धर्म, रंग के बावजूद सभी के द्वारा पहना जा सकता है |

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रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ? (5 Mukhi Rudraksha Wearing Rules)

महिलाओ को संभोग करते समय कभी भी रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए | महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए | रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखें | मनका के छिद्रों के भीतर धूल और गंदगी जमा हो सकती है |

पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने का सही समय और तरीका (5 Mukhi Rudraksha Dharan Karne Ka Sahi Samay)

पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने का सबसे शुभ दिन सोमवार या गुरुवार होता है | इसे विशेषकर शिवरात्रि या किसी शुभ मुहूर्त में धारण करना और भी लाभकारी होता है | इसे सुबह के समय, स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र धारण करके, पूजा स्थल में पूजा के बाद धारण करना चाहिए |

धारण करने की विधि (5 Mukhi Rudraksha Dharan Karne Ki Vidhi)

इसे धारण करने की विधि यह है कि रुद्राक्ष सबसे पहले गंगाजल या शुद्ध पानी से धोएं | भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर के सामने पंचमुखी रुद्राक्ष को रखें और ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए रुद्राक्ष की पूजा करें |

रुद्राक्ष की माला (5 Mukhi Rudraksha Mala Benefits)

इसके बाद इसे दाहिने हाथ की अंगुली में धारण करें या गले में रुद्राक्ष की माला के रूप में पहनें | इसे चांदी, सोने या लाल धागे में पहन सकते हैं |

मंत्र जाप (5 Mukhi Rudraksha Dharan Karne Ka Mantra)

पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करते समय ऊँ ह्रीं नमः या ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें | यह मंत्र जाप रुद्राक्ष की ऊर्जा को सक्रिय करता है और अधिक लाभ प्राप्त करने में सहायक होता है |

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रुद्राक्ष धारण करते समय रखें ये सावधानियां (5 Mukhi Rudraksha Ke Niyam)

रुद्राक्ष को कभी भी गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए | इसे हमेशा स्वच्छ रखें |

रुद्राक्ष को धारण करते समय मांसाहार, शराब और अन्य बुरी आदतों से दूर रहें | इसे धारण करने के बाद नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करें और मंत्र जाप करें |

पंचमुखी रुद्राक्ष के लाभ (5 Mukhi Rudraksha Ke Labh)

पंचमुखी रुद्राक्ष का धारण करने से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं | इसे सही समय और विधि से धारण करने पर भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता मिलती है |

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