दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के 3 जबरन वसूली के मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच ने कुल 8 लोगों को पकड़ लिया है और 6 हथियार बरामद किए गए हैं।
News Jungal Desk: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के तीन जबरन वसूली के मॉड्यूल्स को उजागर किया है। पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई गोल्डी बराड़ गिरोह के 8 शूटरों को दिल्ली समेत हरियाणा और राजस्थान से गिरफ्तार किया है, जिसमें दो बालिग और बाकी 6 सदस्य नाबालिग हैं।
पुलिस ने बताया कि दोनों बदमाश इस काम के लिए अपने गिरोह के किशोरों का इस्तेमाल करते थे। इस मामले में कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच ने कुल 8 लोगों को पकड़ा है। इनसे 6 हथियार बरामद किए गए हैं। गोल्डी बराड़-लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य जबरन वसूली के लिए किशोरों का इस्तेमाल करते हैं।
विशेष आयुक्त अपराध शाखा रवींद्र कुमार यादव के मुताबिक अमेरिका में बैठे गोल्डी और साबरमती जेल में बंद लारेंस और उसके भाई अनमोल बिश्नोई के निर्देशों पर इन शूटरों ने दिल्ली के 3 अलग अलग बिजनेस मैन के घरों पर रंगदारी न देने पर फायरिंग करवाई थी। लारेंस ने पहले तीनों से मोटी रकम देने की मांग की। पैसे देने से मना करने पर घरों पर गोलियां चलवा दी थी।
यह गिरोह हरियाणा और राजस्थान के दूर दराज के गांवों से नाबालिग लड़कों को चुनता है और अपराध कराता है। उन्हें डरा धमका कर और पैसे देकर अपराध करने के लिए तैयार कर लिया जाता है। इन्हें अलग अलग जगहों से हथियार, गोली, बाइक उठाने के निर्देश मिलते हैं ताकि पकड़े जाने पर ये किसी के बारे में किसी भी तरह की जानकारी न दे पाए।
इसके बाद इन्हें एक टारगेट बताया जाता है। नाबालिगों को नशे के लिए भरपूर पैसे दिए जाते हैं, जिससे खुश होकर नाबालिक गैंगस्टर के निर्देश के मुताबिक कुछ भी करने को आसानी से तैयार हो जाते है। इनकी उम्र 16 से 17 साल के बीच ही होती है। पुलिस का कहना है कि समाज के लोगों को और स्कूलों में शिक्षकों को बच्चों को इस बारे में सचेत करने की जरूरत है।
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