हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह को कर्ज देने वाले ग्लोबल बैंक भी अपनी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के एक सप्ताह पहले तक बैंक अडाणी समूह को रीफाइनेंसिंग के लिए तैयार थे, किंतु अब अडाणी समूह ने एक सप्ताह में दूसरी बार लोन चुकाने की बात कही है, ताकि वह अपने निवेशकों में भरोसा जगा सके।
News Jungal Media desk: हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद से ही मुश्किलों का सामना कर रहे अडाणी समूह ने अगले महीने तक 4,000 करोड़ रुपये (50 करोड़ डॉलर) का लोन अदा करने की बात कही है। समूह ने यह बयान बैंकों के उस कदम के बाद लिया है जब कई बैंकों ने अडाणी समूह को रीफाइनेंसिंग से मना कर दिया था। इससे पहले हिंडेनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के दावों के बाद अडाणी समूह के कारोबार पर दुनियाभर में असर पड़ने लगा था।
बार्कलेस पीएलसी, स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी और डच बैंक ने अडाणी को 4.5 अरब डॉलर (करीब 36 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज प्रदान किया था। यह लोन Holcim Ltd की सीमेंट इकाई को खरीदने के लिए दिया गया था, जिसका एक हिस्सा 9 मार्च तक देना है। समूह ने कहा है कि ब्रिज लोन के एक हिस्से के रूप में करीब 50 करोड़ डॉलर का भुगतान अगले महीने तक कर दिया जाएगा। बैंकों ने समूह को दोबारा कर्ज देने से फिलहाल इनकार कर दिया था।
बैंक तब लोन देने को थे तैयार
मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के एक सप्ताह पहले तक बैंक्स अडाणी समूह को रीफाइनेंसिंग के लिए तैयार थे। लेकिन, रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद समूह की साख पर तमाम सवाल उठने लगे जिससे कंपनी के स्टॉक में भी बिकवाली शुरू हो गई। रिपोर्ट से विदेशी बैंकों पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिला और उन्हें समूह को लोन देने में हिचकिचाहट होने लगी। टोटल एनर्जी ने भी अडाणी समूह के साथ अरबों डॉलर के अपने प्रोजेक्ट को फिलहाल रोक दिया है।
निवेशकों को कर रहे संपत्तियों की समीक्षा
MSCI इंक ने कहा है कि वह अडाणी की कुछ प्रतिभूतियों की समीक्षा कर रहा है, जबकि जापान के एसेट मैनेजर ने भी समूह में किए अपने निवेश और उसके असर को लेकर समीक्षा करनी शुरू कर दी है। यह विदेशी निवेशकों की ओर से एक संकेत है कि अडाणी के शेयरों में आगे भी दबाव जारी रह सकता है।
बैंकों से बातचीत कर रहा है अडानी समूह
अडाणी समूह के प्रवक्ता ने बताया कि फिलहाल हम बैंकों से रीफाइनेंसिंग के लिए बातचीत कर रहे हैं। समूह इसके भुगतान की भी प्लानिंग कर रहा है। अडाणी समूह ने इस सप्ताह में दूसरी बार लोन चुकाने की बात कही है, ताकि वह अपने निवेशकों में भरोसा जगा सके। इससे पहले गौतम अडाणी और उनके परिवार ने गिरवी रखे शेयरों को छुड़ाने के लिए 1.11 अरब डॉलर (करीब 9 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज भी चुका दिया है।
ग्लोबल बैंक्स भी कर रहे स्क्रूटनी
हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह को कर्ज देने वाले ग्लोबल बैंक भी अपनी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। सिटीगुप इंक ने तो अडाणी सिक्योरिटीज को लोन के एवज में गिरवी रखने से भी अब इनकार कर दिया है। इसी तरह क्रेडिट स्विस ग्रुप ने भी ऐसा ही कदम उठाया है। रिपोर्ट के बाद समूह की कंपनियों में जबरदस्त बिकवाली हुई है और इसका कुल वैल्यूएशन करीब 100 अरब डॉलर तक नीचे आ चुका है।
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