Adani Wilmar: अरबपति गौतम अदाणी के नेतृत्व वाला अदाणी ग्रुप अपने FMCG ज्वाइंट वेंचर अदाणी विल्मर से पूरी तरह से बाहर निकलने जा रहा है।
अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, जो अदाणी विल्मर लिमिटेड में 43.94% हिस्सेदारी रखती है, अपनी हिस्सेदारी बेचने का फैसला कर चुकी है। इसमें से 31.06% हिस्सेदारी ग्रुप के मौजूदा साझेदार विल्मर इंटरनेशनल को बेची जाएगी, जबकि शेष 13% हिस्सेदारी खुले बाजार में बेची जाएगी।
Adani group exits consumer goods venture in $2b deal
- विल्मर इंटरनेशनल को हिस्सेदारी बिक्री
अदाणी एंटरप्राइजेज अपनी 31.06% हिस्सेदारी विल्मर इंटरनेशनल को बेचने जा रही है। यह सौदा 2025 के मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है। - खुले बाजार में हिस्सेदारी बिक्री
बची हुई 13% हिस्सेदारी खुले बाजार के जरिए बेची जाएगी। यह कदम सेबी के नियमानुसार उठाया जा रहा है, जिसके तहत लिस्टेड कंपनियों को न्यूनतम 25% पब्लिक शेयरहोल्डिंग बनाए रखना अनिवार्य है। - बिक्री से मिलने वाली रकम
अदाणी ग्रुप ने इस सौदे की कीमत का खुलासा नहीं किया है, लेकिन विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस हिस्सेदारी बिक्री से अदाणी ग्रुप को लगभग 2 अरब डॉलर (करीब 16,000 करोड़ रुपये) की आय हो सकती है। - कंपनी का नाम बदलेगा
अदाणी ग्रुप के पूरी तरह से बाहर निकलने के बाद, अदाणी विल्मर का नाम भी बदला जाएगा।
Adani Wilmar Business Model
1999 में स्थापित अदाणी विल्मर, भारत के प्रमुख FMCG ब्रांड्स में से एक है। यह कंपनी फॉर्च्यून ब्रांड के तहत कुकिंग ऑयल, गेहूं का आटा, चावल, दालें, और चीनी जैसे उत्पाद बनाती और बेचती है। कंपनी के पास भारत के 10 राज्यों में 23 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं।
अदाणी ग्रुप के लिए सौदे का महत्व
यह सौदा अदाणी ग्रुप के लिए कई मायनों में अहम है:
- लिक्विडिटी बढ़ाना: इस बिक्री से ग्रुप को नकदी की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी।
- कोर बिजनेस पर फोकस: हिस्सेदारी बिक्री से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल अदाणी ग्रुप अपने मुख्य व्यवसायों को मजबूत करने में करेगा।
- नियामकीय जरूरतें पूरी करना: अदाणी विल्मर को फरवरी 2025 तक अपनी पब्लिक शेयरहोल्डिंग बढ़ाकर 25% तक (adani wilmar share price) करनी थी।
Challenges of Adani Group
नवंबर 2024 में गौतम अदाणी और उनके सहयोगियों पर रिश्वतखोरी के आरोप लगे थे। इसके बाद से अदाणी ग्रुप का यह पहला बड़ा सौदा है। इस कदम से ग्रुप को अमेरिका में चल रहे मुकदमों के कारण संभावित वित्तीय दबाव से उबरने में मदद मिलेगी।
Adani Enterprises to exit Adani Wilmar JV
अदाणी ग्रुप और विल्मर इंटरनेशनल के पास संयुक्त रूप से अदाणी विल्मर में 87.87% हिस्सेदारी है। भारतीय नियमानुसार, प्रमोटर्स 75% से अधिक हिस्सेदारी नहीं रख सकते। अदाणी विल्मर फरवरी 2022 में लिस्ट हुई थी और इसे फरवरी 2025 तक अपने पब्लिक शेयर बढ़ाने की जरूरत थी। इसी कारण अदाणी ग्रुप अपनी 31.06% हिस्सेदारी विल्मर को और 13% हिस्सेदारी बाजार में बेचने का फैसला किया।
Conclusion
अदाणी विल्मर से अदाणी ग्रुप का बाहर निकलना, न केवल वित्तीय स्थिरता लाने का प्रयास है, बल्कि नियामकीय जरूरतों को पूरा करने की दिशा में भी एक अहम कदम है। यह सौदा अदाणी ग्रुप को अपने मुख्य व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करने और वित्तीय दबाव को कम करने में मदद करेगा।
read more : Hindenburg Report On Adani :हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने से अडानी ग्रुप के शेयरों को हुआ भारी नुकसान