टमाटर के दाम रॉकेट होने के बाद केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप किया और सहकारी संस्थाओं को सस्ती दरों पर टमाटर बेचने का आदेश दे डाला. इन संस्थाओं ने अलग-अलग माध्यम से टमाटर बेचना शुरू कर दिया. जिसके बाद इन टमाटरों को खरीदने की लोगों के बीच होड़ लग गई.
News Jungal Desk: टमाटर की आसमानी कीमतों के बीच ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) द्वारा 70 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से एक हफ्ते में 10,000 किलोग्राम तक टमाटर बेच दिए गए हैं. ओएनडीसी सरकार समर्थित ई-कॉमर्स कंपनी है. जिसके प्रमुख टी. कोशी ने बताया कि उन्हें अपनी स्थापना के बाद अब तक के सर्वाधिक 11 लाख खुदरा ऑर्डर मिल चुके हैं. ओएनडीसी की स्थापना पिछले साल ही हुई थी. गौर करने वाली बात है कि ओएनडीएसी ने सिर्फ दिल्ली में ही इतने टन टमाटर बेच दिए हैं.
दरअसल, टमाटर की ऊंची खुदरा कीमतों के कारण केंद्र सरकार को हालात काबू करने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ गया था. टमाटर की कीमतें 150-200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं. ऐसे में केंद्र ने नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन (NCCF) और नेफेड को सस्ते में टमाटर बेचने का आदेश दिया था. ONDC को NCCF से ही टमाटर की आपूर्ति की जा रही थी. NCCF और नेफेड आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से खरीदकर इसे दिल्ली-एनसीआर, बिहार, राजस्थान आदि राज्यों में सप्लाई कर रहे थे.
15 दिन में टमाटरों की बंपर बिकवाली
सहकारी संस्था एनसीसीएफ ने रविवार को बताया कि उसने दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पिछले 15 दिनों में रियायती कीमतों पर 560 टन (5,60,000) टमाटर बेचा है. प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में भारी बारिश होने के कारण खुदरा बाजार में टमाटर की कीमत अभी भी कम नहीं हो सकी है. इस वजह से एनसीसीएफ ने टमाटर की रियायती दरों पर बिक्री अभी भी जारी रखी है. भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) ने 14 जुलाई को 90 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दरों पर टमाटर बेचना शुरू किया था, जिसे बाद में घटाकर 70 रुपये प्रति किलोग्राम तक कर दिया गया था. महासंघ पिछले 1 सप्ताह से तीनों राज्यों में 70 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से टमाटर बेच रहा है.
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