गूगल ने भारत में भर्तियां के लिए लोगों से आवेदन मांगा हैं. लिंक्डिन पर पोस्ट किए गए एक विज्ञापन में विभिन्न पदों के लिए आवदेन मांगे गए हैं. गौरतलब है कि पिछले ही महीने गूगल ने दुनियाभर में करीब 12,000 कर्मचारियों को बाहर निकालने की घोषणा की थी.
News Jungal National desk: दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक गूगल (Google Layoff) ने पिछले ही महीने 12,000 लोगों की छंटनी का ऐलान किया था. कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा था कि वह इस फैसले की पूरी जिम्मेदारी लेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी बताया था कि इसका असर सबसे पहले यूएस में काम कर रहे कर्मचारियों पर देखने को मिलेगा और फिर धीरे-धीरे अन्य देशों में भी छंटनियां शुरू कर दी जाएंगी. भारत में छंटनियां अभी शुरू ही हुई हैं. इसी बीच गूगल ने लिंक्डिन पर भारत में कई पदों के लिए आवेदन भी मांग लिए हैं.
जिन पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं उनमें मैनेजर, स्टार्टअप सक्सेस टीम, इम्पलॉई रिलेशन पार्टनर, स्टार्टअप सक्सेस मैनेजर, गूगल क्लाउड, वेंडर सॉल्यूशन कंसल्टेंट, प्रोडक्ट मैनेजर और डेटाबेस इंसाइट आदि पद शामिल हैं. ये नौकरियां हैदराबाद, बेंगलुरू और गुरुग्राम स्थित ऑफिसों के लिए निकाली गई हैं.
भारत में भी छंटनियां शुरू
खबरों के अनुसार, गूगल इंडिया ने गुरुवार रात ईमेल भेजकर करीब 453 कर्मचारियों को उनकी सेवा समाप्त होने की सूचना दी थी. बिजनेस लाइन अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह ईमेल गूगल के कंट्री हेड और वाइस प्रेसिडेंट संजय गुप्ता के द्वारा भेजा गया है. हालांकि, गूगल की ओर से अभी इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि क्या है उन 12,000 कर्मचारियों में ही शामिल हैं जिन्हें बाहर निकालने का ऐलान पिछले महीने ही किया गया था, या फिर ये नई छंटनियां हुई हैं. गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट ने पिछले ही महीने अपनी ग्लोबल फोर्स को 6 फीसदी घटाने का ऐलान किया था.
और भी कंपनियां कर रही हैं छंटनी
छंटनी केवल गूगल में नहीं की गई है बल्कि मेटा ने करीब 13,000 और माइक्रोसॉफ्ट ने 11,000 लोगों को नौकरी से निकालने की घोषणा की थी. मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने माफी मांगते हुए कहा था कि महामारी के दौरान और उससे पहले कंपनी ने अति उत्साही होकर ज्यादा भर्तियां कर ली थी. इन सबसे ऊपर अमेजन ने करीब 18,000 लोगों की छंटनी का ऐलान कर दिया था. इसके अलावा सेल्सफोर्स ने भी हजारों लोगों को नौकरी से बाहर कर दिया था. कई भारतीय कंपनियों ने इसी राह पर चलते हुए जनवरी में कुल 2100 लोगों को बाहर कर दिया था. इसमें स्विगी के 300, शेयरचैट के 600, ओला के 200 और डुन्जो के 90 कर्मचारियों की छंटनी भी शामिल थी.
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