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Agni Review: फायर फाइटर्स के अनकहे संघर्ष को पर्दे पर लाती एक दिलचस्प फिल्म !

Agni Review

Agni Review: फायर फाइटर्स के साहस और संघर्ष को पर्दे पर लाने वाली फिल्म “अग्नि” इन दिनों चर्चा का विषय बन चुकी है। यह फिल्म न केवल फायर फाइटर्स की मुश्किलों को उजागर करती है, बल्कि हमें यह भी दिखाती है कि हमारे आस-पास ऐसे अनदेखे हीरो हैं, जिनके बारे में हम आमतौर पर सोचते तक नहीं।

प्रतीक गांधी और दिव्येंदु शर्मा की मुख्य भूमिकाओं वाली इस फिल्म को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज किया गया है। अगर आप कुछ नया देखने की इच्छा रखते हैं, तो “अग्नि” आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।

Agni Movie Story

“अग्नि” की कहानी प्रतीक गांधी उर्फ़ विट्ठल राव (agni movie cast) और उनकी टीम के इर्द-गिर्द घूमती है, जो फायर फाइटर्स के रूप में दिन-रात आग में फंसे लोगों की जान बचाने में लगे रहते हैं। विट्ठल राव का जीवन सामान्य नहीं है, क्योंकि वह एक पेशेवर फायर फाइटर होते हुए भी समाज में उस सम्मान से वंचित हैं, जो उन्हें मिलना चाहिए। उनके पास न तो बड़ी कार है, न ही बड़ा घर, जबकि उनके साले समित सावंत (दिव्येंदु शर्मा) एक सफल पुलिस अफसर (Agni Cast and Crew) होते हुए सभी ऐशो-आराम का आनंद लेते हैं।

उनका बेटा भी अपने मामा को ही अपना हीरो मानता है, न कि अपने फायर फाइटर पिता को। यह फिल्म इसी असमानता और फायर फाइटर्स की अनदेखी को उजागर करती है।

मुंबई की ऊंची-ऊंची इमारतों में लगी आग और उस आग के पीछे की साजिश, फिल्म की मुख्य कहानी बनाती है। जहां एक ओर ये हादसे जानलेवा होते हैं, वहीं दूसरी ओर यह फिल्म फायर फाइटर्स की अनकही कहानियों को बयां करती है, जो अक्सर पर्दे से गायब रहती हैं।

यह फिल्म दर्शकों को यह समझने का मौका देती है कि फायर फाइटर्स का काम केवल आग बुझाना नहीं होता, बल्कि वे जीवन और मृत्यु के बीच की कड़ी होते हैं।

Agni Movie Review

“अग्नि” फिल्म का सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट इसका विषय है। यह फिल्म फायर फाइटर्स के साहस, उनके संघर्ष और उनकी अनदेखी को उजागर करती है। फिल्म के संवाद और कहानी में गहराई है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है। यह एक ऐसी फिल्म है, जो न सिर्फ एंटरटेन करती है, बल्कि आपको जानकारी भी देती है।

फिल्म की गति संतुलित है, जिससे दर्शक बोर नहीं होते। आग लगने के दृश्य बेहद प्रभावशाली हैं और दर्शकों को असल जीवन में फायर फाइटर्स के काम की गंभीरता का अहसास कराते हैं।

कई बार फिल्में अपनी साधारण सी कहानी से भी दर्शकों का दिल जीत लेती हैं, और “अग्नि” इसी उदाहरण को प्रस्तुत करती है। भले ही फिल्म की मुख्य कहानी सरल लगे, लेकिन फायर फाइटर्स के संघर्ष को जिस तरह से महसूस कराया गया है, वह दिल को छू जाता है।

अदाकारी

प्रतीक गांधी ने अपनी भूमिका को बखूबी निभाया है। उन्होंने विट्ठल राव के किरदार को जीवंत किया है, जो एक फायर फाइटर, पिता और पति के रूप में कई भावनाओं से गुजरता है।

उनके अभिनय में जो सूक्ष्मता है, वह काबिले तारीफ है। दिव्येंदु शर्मा (Agni Review) ने भी अपने किरदार समित सावंत को शानदार तरीके से निभाया है। उनका अभिनय और खासकर मुंबइया भाषा में उनकी पकड़ प्रभावशाली है।

फिल्म में साई तमहन्कर, संयमी खेर, जीतेंद्र जोशी और चाइल्ड आर्टिस्ट कबीर शाह का भी बेहतरीन अभिनय देखने को मिलता है। साई तमहन्कर ने फायर फाइटर की पत्नी के किरदार में बहुत ही सरल और प्रभावशाली अभिनय किया है।

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Agni Movie Director

फिल्म का निर्देशन राहुल ढोलकिया ने किया है और इसकी कहानी राडुल ढोलकिया और विजय मौर्या ने लिखी है। दोनों ने जिस विषय को चुना, वह अभिनव है और इसकी प्रस्तुति भी शानदार है।

फिल्म में भावनाओं का संतुलन, हास्य का छौंक और संदेश देने की शक्ति है। यह फिल्म पूरी तरह से दर्शकों को व्यस्त रखती है, बिना भारी हुए।

Agni Movie Rating

“अग्नि” फिल्म को क्रिटिक्स ने 5 में 3.5 स्टार्स दिए है | अग्नि फिल्म फायर फाइटर्स के साहस, उनके संघर्ष और उनकी अनदेखी कहानी को उजागर करती है |

Conclusion

कुल मिलाकर, “अग्नि” एक ऐसी फिल्म है जिसे जरूर देखना चाहिए। यह न केवल फायर फाइटर्स के संघर्ष और उनकी अहमियत को सामने लाती है, बल्कि हमें अपने आस-पास के अनदेखे हीरो को सलाम करने का मौका भी देती है।

फिल्म की कहानी, निर्देशन और अदाकारी सभी शानदार हैं, और यह आपको सोचने पर मजबूर करती है। इस फिल्म को देखिए और अपने इलाके के फायर फाइटर्स को धन्यवाद देकर आइए।

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