तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए राज्य सरकार ने गुजरात हाई कोर्ट के सामने कई खुलासे प्रस्तुत किए हैं। सरकारी वकील ने कहा कि अहमद पटेल ने तीस्ता को नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए काफी सारेे पैसे दिए थे।
News Jungal Desk: गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी को फंसाने के मामले में गिरफ्तार एनजीओ संचालिका तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर बड़ा खुलासा किया है। जमानत अर्जी का विरोध करते हुए राज्य सरकार ने गुजरात हाई कोर्ट के सामने पेश की गई अपनी रिपोर्ट में कहा कि सीतलवाड़ की सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की क्षमता ही उनकों जमानत रद्द करने की सबसे बड़ी वजह हो सकती है।
अहमद पटेल ने दिए थे इतने लाख रुपये
राज्य सरकार ने आगे कहा कि उनके खिलाफ यह भी सबूत मिले हैं कि उन्होंने झूठे साक्ष्यों का निर्माण किया था। कोर्ट में सरकारी वकील ने कहा कि सीतलवाड़ को 2002 के गुजरात दंगों के बाद नरेंद्र मोदी सरकार को बेदखल करवाने के लिए कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने 30 लाख रुपये दिए थे।
अहमद पटेल की कठपुतली बन गई थी सीतलवाड़
राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए सरकारी वकील मितेश अमीन ने न्यायमूर्ति निरजार देसाई की अदालत के समक्ष कांग्रेस नेता अहमद पटेल का नाम लेते हुए कहा कि सीतलवाड़ कुछ राजनीतिक दल के राजनेताओं की एक टूल बन गई थी। गौरतलब है कि अहमद पटेल की 2020 में मृत्यु हो गई थी।
कई बड़े पुलिस अधिकारी भी शामिल
सरकारी वकील मितेश ने आगे कहा कि सीतलवाड़ ने इसके बाद दो पुलिस अधिकारियों, उनके सह-आरोपी पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट और सेवानिवृत्त डीजीपी आरबी श्रीकुमार को इस साजिश का हिस्सा बताया है। इस साजिश का प्रमुख मकसद 2002 में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र को फंसाना और समाज में उनकी छवि को धूमिल करना था।
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