बीते कुछ सालों में तकनीक के क्षेत्र में कई तरह के बदलाव हुए हैं. अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI Tools) और चैटजीपीटी जैसे अपडेट्स आ जाने से अगले कुछ सालों में और भी बदलाव देखने को मिलेंगे. इसीलिए सीबीएसई बोर्ड ने बच्चों को भी अपडेट करने की तैयारी कर ली है. इसी के तहत अब कक्षा 6वीं के सिलेबस में एआई और कोडिंग जैसे कोर्स जोड़े जा रहे हैं ।
News Jungal Desk : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड वक्त के साथ खुद को अपडेट कर रहा है । और इन दिनों कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बोलबाला है (Artificial Intelligence). ऐसे में नई शिक्षा नीति (New Education Policy, NEP 2020) को लागू करने के लिए सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम में स्किल एजुकेशन (Skill Education) को बढ़ावा देने की पहल करी जा रही है ।
सीबीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स को अब वोकेशनल एजुकेशन के साथ ही स्किल डेवलपमेंट की भी ट्रेनिंग दी जाएगी (CBSE Class 6th Syllabus). अभी तक स्किल एजुकेशन पर आधारित कोर्स 9वीं क्लास के बाद से पढ़ाए जाते थे । और अब CBSE Board में छठी से आठवीं तक के सिलेबस में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, ह्यूमैनिटी एंड कोविड, खादी कश्मीरी एंब्रॉयडरी, रॉकेट, सैटेलाइट आदि जोड़े जाएंगे ।
सिलेबस में जुड़ेंगे 33 नए कोर्स
CBSE बोर्ड ने 33 कोर्स की सूची जारी की है (CBSE New Courses List). बोर्ड के मुताबिक, ये स्किल मॉड्यूल 12 से 15 घंटे के होंगे. इनमें 30 फीसदी समय थ्योरी का और 70 फीसदी एक्टिविटीज का रहेगा. डेटा साइंस को कक्षा 8वीं के सिलेबस में शामिल किया जा रहा है । और दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट कोडिंग का सिलेबस तैयार करेगी (Coding Syllabus). बोर्ड ने सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों को इस बाबत जानकारी भेज दी है ।
लागू होगी नई शिक्षा नीति
नई शिक्षा नीति 2020 में स्किल बेस्ड एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत की गई है (Skill Based Education). शिक्षा मंत्रालय ने 2020 में नई शिक्षा नीति की रूपरेखा तय की थी. कोडिंग एक क्रिएटिव एक्टिविटी है. इसमें किसी भी विषय के छात्र शामिल हो सकते हैं. यह कंप्यूटेशनल स्किल्स को बढ़ाने में मदद करता है. आने वाले समय में मशीन लर्निंग और डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में भारत का नेतृत्व देखा जाएगा ।
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