एनसीपी नेता अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं निरंतर जारी हैं। मुंबई में हुई पार्टी की बैठक में अजीत पवार के शामिल ना होने से इन चर्चाओं को और बल मिलने लगा है। हालांकि एनसीपी ने इस पर अपनी सफाई पेश की है।
News Jungal Desk: शरद पवार की पार्टी एनसीपी में इन दिनों कुछ तो विवाद अवश्य चल रहा है। पूर्व डिप्टी सीएम और पार्टी नेता अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हैं। इसी बीच, अजीत पवार मुंबई में हुए पार्टी के सम्मेलन से गायब रहे। पार्टी सम्मेलन में अजीत पवार की गैरमौजूदगी ने नई चर्चाओं को बल दिया है। हालांकि, अजीत पवार का मामले में कहना है कि पूर्व में की गई प्रतिबद्धताओं के चलते वह सम्मेलन में शामिल नहीं हो सके।
अजीत पवार ने बताई वजह
पुणे में पत्रकारों से बातचीत में अजीत पवार ने बताया कि अन्य कार्यक्रमों में उपस्थित होने के लिए वह पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। पार्टी की तरफ से कहा गया कि अजीत पवार के पार्टी की बैठक में शामिल नहीं होने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि वह संगठन छोड़ने की योजना बना रहे हैं।
क्या बोली एनसीपी
पार्टी प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि NCP के मुंबई के कार्यक्रम की योजना 1 महीने पहले ही बनाई गई थी। उन्होंने कहा, “अजीत दादा लगातार व्यस्त रहते हैं और उन्होंने पुणे में कई कार्यक्रमों के निमंत्रण स्वीकार किए हैं। उन्होंने एनसीपी की बैठक में भाग लेने में असमर्थता पहले ही व्यक्त की थी। अजीत बैठक में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं समझना चाहिए कि वे एनसीपी छोड़ने की योजना बना रहे हैं। वह मुंबई में हुई एक इफ्तार पार्टी में शरद पवार साहब के साथ शामिल हुए थे।”
पार्टी छोड़ने की अटकलों पर दी सफाई
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं काफी तेज हैं। हालांकि, हाल ही में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि मैं अपनी पार्टी और शरद पवार के लिए वफादार हूं। जो शरद पवार कहेंगे, मैं वही करूंगा। अजीत ने यह भी कहा था कि मैं मरते दम तक पार्टी में रहूंगा।
अजीत पवार ने की पीएम मोदी की प्रशंसा
दरअसल, अभी कुछ ही दिनों पहले अजीत पवार ने पीएम मोदी और उनके नेतृत्व की काफी प्रशंसा की थी। इसके अलावा उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए चुनावों को भी सही ठहराया था। इसके बाद चर्चाएं होने लगी थी कि अजीत पवार एनसीपी के करीब 40 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
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