News jungal desk: समजवादी पार्टी के साथ गठबंधन पूरी तरह से फाइनल हो गया है। कुछ सीटों पर अदला-बदली के साथ ही तय हो जाएगा कि कौन कहां से लड़ेगा। घोषणा गुरुवार रात तक संभव है। कांग्रेस के भरोसेमंद सूत्र ऐसा ही बता रहे हैं। इसमें सोनिया गांधी और प्रियंका की भूमिका है। नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले गठबंधन की गांठ को काफी मजबूत करने का फैसला ले लिया था। राजा भैया की पार्टी जनसत्ता लोकतांत्रिक दल भी विपक्षी गठबंधन इंडिया के फोल्ड में लगभग आ गया है। हालांकि बसपा के भी आने की उम्मीद अभी बरकरार है, यदि ऐसा होता है प्रत्याशियों को लेकर पत्ते फेंटे जा सकते हैं।
सीट बंटवारे को लेकर तस्वीर लगभग साफ है
इसी के साथ अब दो दिन विराम के बाद मुरादाबाद से 24 को शुरू होने वाली है . भारत जोड़ो न्याय यात्रा में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है। बीमारी से स्वस्थ हो चुकी प्रियंका गांधी भी भाई राहुल के साथ मुरादाबाद में दिखेंगी। ऐसे में न्याय यात्रा के पश्चिम यूपी में ज्यादा प्रभावी होने की संभावना है। रालोद यानी राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन छोड़ने का ओस्य इलाके में कोई असर नहीं दिखेगा। महासचिव प्रियंका गांधी के रायबरेली से लड़ने की संभावना है। इसका असर अमेठी और सुल्तानपुर सीट पर पड़ेगा। बताते हैं कि सपा से सीट बंटवारे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्ल्कार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और प्रियंका के साथ ही वेणुगोपाल ने बुधवार को आपस में बातचीत करने के बाद राहुल को कानपुर में मैसेज किया। अखिलेश यादव को भी इसकी जानकारी दे दी गयी है। लखनऊ साझी प्रेस मीट इसी का नतीजा रही। यात्रा के दौरान भाषणों में राहुल गांधी भी अखिलेश के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की संगठन और सरकार में भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कर रहे हैं। वह देश में पीडीए को मजबूती देते हैं।
सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अखिलेश यादव ने तो कांग्रेस नेतृत्व से साफतौर पर कह दिया था कि सीट समझौते पर बात फाइनल कर लें अन्यथा वह (अखिलेश यादव) भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं होंगे। हालांकि अखिलेश सीटों पर समझौते को लेकर गठबंधन टूटने की बात से इंकार करते रहे हैं पर दोनों दलों ने दबाव की राजनीति अपना रखी थी। फिलहाल कांग्रेस के नेता 17 सीटों की बात स्वीकारते हुए कुछ सीटों पर अदला-बदली और कुछ अन्य सीटें कांग्रेस को मिलने की उम्मीद जता रहे हैं। मुस्लिम बहुल सीटों पर दोनों ही पार्टियों की नजर है। मुरादाबाद में सपा के सिम्बल कांग्रेस की पसंद का प्रत्याशी हो सकता है। जबकि वाराणसी में कांग्रेस का प्रत्याशी सपा समर्थित होगा। सीतापुर और हाथरस में अदला-बदली संभव है। श्रावस्ती के बदले बुलंदशहर या मथुरा देने की बात लगभग तय हो चुकी है।
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