Akhilesh Yadav: योगी, ‘बटेंगे तो कटेंगे’ पर भड़के अखिलेश, मायावती के आभार पर दिया धन्यवाद….

Akhilesh Yadav: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी के द्वारा दिए गए ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान की निंदा की है। दूसरी ओर उन्होंने मायावती के आभार जताने का धन्यवाद दिया है। 

yogi aaditynath



Akhilesh Yadav: सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ बयान की निंदा करते हुए कहा है कि जिम्मेदार लोगों का काम भय से बचाना होता है, भय फैलाना नहीं। अगर ये किसी के व्यक्तिगत विचार हैं तो गलत हैं और अगर उनके दल के हैं तो और भी ज्यादा गलत हैं।  भाजपा राज में बने भय के इस वातावरण में क्या डबल इंजन कहीं दुबक कर जा बैठा है।

अखिलेश ने मायावती के ‘आभार’ के लिए दिया धन्यवाद 


दूसरी तरह अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती के उस आभार के प्रति धन्यवाद जताया है, जो मायावती ने उन्हें भाजपा विधायक के बयान पर आपत्ति जताने पर दिया था। मथुरा के मांट से भाजपा विधायक राजेश चौधरी ने मायावती को सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री करार दिया था। भाजपा विधायक के इस बयान को अखिलेश यादव ने अनुचित बताया था।

अखिलेश ने एक्स के माध्यम से कहा कि सच तो ये है कि ये आभार उन लोगों का है जो पिछले दो दिनों से अपने मान-सम्मान की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर अपना सक्रिय विरोध दर्शा रहे हैं। इस विरोध का मूल कारण है, भाजपा के एक विधायक द्वारा शोषित-वंचित समाज की एक सम्मानित भूतपूर्व महिला मुख्यमंत्री का सरेआम किया गया अपमान। 

सदियों से समाज के प्रभुत्ववादियों द्वारा किए जा रहे मानसिक-शारीरिक-आर्थिक-सामाजिक उत्पीड़न के विरुद्ध आज उपेक्षित व तिरस्कृत समाज के लोगों में यह जो नयी चेतना आई है, उसकी एकता और एकजुटता आने वाले कल का सुनहरी समतावादी-समानतावादी इतिहास लिखेगी। 

 उन्होंने कहा कि ये एक शुभ संकेत है कि पीडीए समाज अब प्रभुत्ववादी सत्ताधीशों के विभाजनकारी खेल को समझने लगा है। चंद लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर ये विघटनकारी सत्ताधारी भले कुछ लोगों को हाथ पकड़कर कुछ भी कहने-लिखने पर मजबूर कर लें परंतु मन से वो ‘कुछ मजबूर लोग’ भी हमारे ही साथ हैं क्योंकि ऐसे मजबूर लोग भी जानते हैं कि ये प्रभुत्ववादी कभी उनके भले के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं। सदियों से शोषित-वंचित समाज के 99% लोग, अब पीडीए में ही अपना सुनहरा भविष्य देख रहे हैं। 

जो राजनीतिक शक्तियाँ अपनी सत्ता को  बचाने के लिए, अपने स्वार्थ भरे पत्रों पर दमित समाज से हस्ताक्षर करवाने पर बाध्य करती आई हैं, अब उनके बुरे दिन शुरू हो गये हैं।  90% में 99% जागरण आ गया है। पीडीए समाज में आया ये जागरण राजनीतिक दलों की सीमाएं तोड़कर मान-सम्मान की लड़ाई लड़ रहे पीडीए से जुड़ गया है। जो जुड़ने शेष हैं, वो भी आनेवाले समय में शेष नहीं रहेंगे। समाज की 90% जनसंख्या यानी पीडीए का आपस में 100 प्रतिशत जुड़ जाना ही, सामाजिक न्याय की क्रांति होगा। ये एकता  सैकड़ों सालों से चली आ रही नाइंसाफी को खत्म करेगा।

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