केरल के आलप्पुझा जिले में दिमाग खाने वाले अमीबा के संक्रमण से एक लड़के की मौत हो गई है. दूषित पानी में रहने वाला ब्रेन ईटिंग अमीबा 15 साल के लड़के के दिमाग में नाक के रास्ते से घुसा और उसने लड़के के दिमाग को संक्रमित कर दिया. वह नदी पर नहाकर लौटा था, जिसके बाद वह संक्रमण का शिकार हो गया था. इस अमीबा का नाम नेगलेरिया फाउलेरी है और बोलचाल की भाषा में इसे दिमाग खाने वाला अमीबा भी कहा जाता है।
News Jungal Desk: केरल के आलप्पुझा जिले में दिमाग खाने वाले अमीबा के संक्रमण से एक लड़के की मौत होने की पुष्टि हुई है. दूषित पानी में रहने वाला ब्रेन ईटिंग अमीबा 15 साल के लड़के के दिमाग में नाक के रास्ते से घुसा और उसने दिमाग को पूरी तरह संक्रमित कर दिया. वह नदी पर नहाकर लौटा था. इसके बाद वह संक्रमण का शिकार हो गया था. इस अमीबा का नाम नेगलेरिया फाउलेरी रखा गया है जबकि बोलचाल की भाषा में इसे दिमाग खाने वाला अमीबा भी कहते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमीबा के दिमाग में घुसने से जिस 15 वर्षीय बच्चे की मौत हुई है उसका नाम गुरुदत्त बताया जा रहा है. वह 10वीं कक्षा का छात्र था. वह नदी पर नहाने के लिए गया था. इसके बाद धीरे धीरे उसमें संक्रमण के लक्षण दिखने शुरू हो गए. उसे पहले अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस इंफेक्शन हुआ था. इस संक्रमण के चलते गुरुदत्त को बुखार और दौरे पड़ने लगे थे. गुरुदत्त 1 जुलाई से अलप्पुझा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती हुआ था. बाद में पता चला कि पनावली में एक झरने में नहाने के बाद वह नेगलेरिया फाउलेरी ‘अमीबा’ की चपेट में आ चुका था.
क्या हैं इसके लक्षण
यह खतरनाक अमीबा रुके हुए पानी में होता है और नाक की पतली त्वचा से दिमाग के अंदर तक पहुंच जाता है. इस बीमारी के लक्षण बुखार, सिरदर्द, उल्टी और दौरे पड़ना है. यह हमेशा दूषित पानी में पाया जाता है. नाक के रास्ते दिमाग में पहुंचते ही ये दिमाग के टिश्यू को खत्म करने लगता है और इंसान की जान ले लेता है.
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