कानपुर। सुप्रीमकोर्ट ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले को बरकरार रखा। इसे संवैधानिक तौर पर सही ठहराया। पांच जजों की संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश भी शामिल थे। इस फैसले का सभी दलों ने स्वागत किया।
इस फैसले पर भाजपा ने खुशी जतायी। ज्यादातर दलों के नेताओं ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इससे विकास गति पकड़ेगा और राजनीतिक संकट कम होगा।
कानपुर के भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी ने अनुच्छेद 370 पर सुनाई करते हुए सरकार के फैसले को उचित ठहराने के सुप्रीमकोर्ट के निर्णय का स्वागत किया। इससे आर्टिकल-370 को बेअसर कर नई व्यवस्था से जम्मू-कश्मीर को बाकी भारत के साथ जोड़ने की प्रक्रिया मजबूत हुई है। आर्टिकल 370 हटाना संवैधानिक रूप से वैध है। सुप्रीम कोर्ट की इस फैसले पर सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा कि देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि इस पर देश की सबसे बड़ी अदालत की भी मुहर लग चुकी है। पचौरी ने कहा कि जब राजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय समझौते पर दस्तखत किए, तभी जम्मू-कश्मीर की संप्रुभता खत्म हो गई थी।
भाजपा महिला मोर्चा उपाध्यक्ष अनिता चतुर्वेदी ने कहा कि सुप्रीमकोर्ट की संसदीय पीठ ने 370 हटाने को जायज ठहराया है तो अब इसमें बहस की गुंजाइश खत्म हो गयी। जनता का यही मैंडेट है। इसीलिए 370 भाजपा के चुनावी एजेंडे पर था।
प्रोफेसर वीएन सिंह कहते हैं कि सुप्रीमकोर्ट ने ठीक ही कहा है कि संसद और राष्ट्रपति को 370 पर फैसला लेने का अधिकार है। यह भाजपा की बड़ी जीत है। अब जम्मू और कश्मीर में चुनाव का रास्ता साफ खुल गया है। कांग्रेस 370 हटाए जाने के बाद कार्यसमिति की बैठक बुलाकर केंद्र के इस फैसले पर दबी जुबान से सवाल उठाए थे। उसका कहना था कि सभी दलों से राय-मशविरा के बाद ही इसे हटाना चाहिए था।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री हरप्रकाश अग्निहोत्री का कहना है कि सुप्रीमकोर्ट के निर्णय पर टिप्पणी करना उचित नहीं है। राज्य का दर्जा बहालकर सरकार वहां चुनाव कराए। तब पता चलेगा कि यह केंद्र के इस फैसले की जनस्वीकार्यता है भी कि नहीं। कांग्रेस ने तो मोदी सरकार के 370 हटाने के तरीके का पुरजोर विरोध किया था। सुप्रीमकोर्ट के निर्णय के बाद अब इसमें बहस की गुंजाइश खत्म हो चुकी है। सपा के नेताओं ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि सुप्रीमकोर्ट के निर्णय पर कोई कैसे टिप्पणी कर सकता है। सुप्रीमकोर्ट का निर्णय मानना ही पड़ेगा।
इंडियन नेशनल लीग के अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान का कहना है कि चीफ जस्टिस को मिलाकर यह पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ का फैसला था। अब इसमें बहस की गुंजाइश खत्म हो चुकी है। जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर चुनाव कराए जाएं। अब देखना यह है कि राज्य की पब्लिक इस फैसले को किस तरह से लेती है।