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कश्‍मीर की वादियों में 33 साल बाद फ‍िर खुला आर्य समाज स्‍कूल, जानें क्‍या थी इतनी लंबी ‘छुट्टी की वजह

आर्य समाज ट्रस्‍ट का अब यह स्कूल अब एक जर्जर इमारत में चल रहा है, जो सराफ कदल इलाके में वंचित परिवारों के 35 छात्रों को शिक्षा प्रदान करता है. इसकी एवज में यह कोई शुल्क नहीं लेता है । हालांकि कुछ माता-पिता स्वेच्छा से 500 रुपये प्रतिमाह का योगदान स्‍कूल को देते हैं

News jungal desk : आर्य समाज ट्रस्ट (Arya Samaj Trust School) ने हाल ही में कश्‍मीर के श्रीनगर (Srinagar) शहर में अपना स्कूल फिर से खोला है । यह 1990 में जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी उग्रवाद के फैलने के बाद 33 वर्षों से बंद था । जब यह स्‍कूल बंद हुआ था । तब 1992 में इस इमारत पर एक स्थानीय व्यक्ति ने कब्जा कर लिया था और उसने नक्शबंदी पब्लिक स्कूल नाम से एक निजी संस्थान की स्थापना यहां कर ली थी ।

हालांकि, बाद में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आर्य समाज ट्रस्ट की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष अरुण चौधरी ने एक स्थानीय व्यवसायी की मदद से स्कूल को दोबारा प्राप्‍त कर लिया । और निजी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों के विरोध के बावजूद अधिकारियों ने 2022 में ट्रस्ट को संपत्ति का कब्जा वापस सौंप दिया था ।

, आर्य समाज ट्रस्‍ट का अब यह स्कूल अब एक जर्जर इमारत में चल रहा है । और जो सराफ कदल इलाके में वंचित परिवारों के 35 छात्रों को शिक्षा प्रदान करता है । इसकी एवज में यह कोई शुल्क नहीं लेता है . और कुछ माता-पिता स्वेच्छा से 500 रुपये प्रतिमाह का योगदान स्‍कूल को देते हैं । ये योगदान उस मिडिल स्कूल को बनाए रखने में मदद करता है । जिसमें आठवीं क्‍लास तक पढ़ाई कराई जा रही है ।

स्‍कूल की प्रिंसिपल लखनऊ की मूल निवासी हैं । रिपोर्ट के अनुसार, उन्‍होंने कहा कि अरुण चौधरी ने उन्हें इस प्रयास में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया है । उन्होंने कहा, “हालांकि अभी स्‍कूल में छात्रों की संख्या कम है, लेकिन हमें विश्वास है कि हम और अधिक लोगों को अपने बच्‍चों को यहां पढ़ाई के लिए एनरोल करने के लिए प्रेरित करेंगे ।

उन्होंने इन बच्चों के साथ काम करने की चुनौतियों को स्वीकार किया. वह कहती हैं कि ‘शुरुआत में जब हमने इलाके के निवासियों से संपर्क किया, तो वे अपने बच्चों को इस स्कूल में भेजने से झिझक रहे थे. हालांकि आखिर में वह सहमत हो गए है ।

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