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विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने ‘गीत विहग मेरे’ पुस्तक का विमोचन किया

कौन ऐसा हैं यहां जो बेपीर है, रस्ते का हर राही मीत नहीं होता, गीतकार सुनील वाजपेयी के गीतों का संकलन गीत विहग मेरे पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सुनील वाजपेयी द्वारा लिखित मां भारती वंदना से की गई।

News Jungal Literature Desk :

रविवार को जागरण कालेज आफ आर्ट, सांइस ऐण्ड कामर्स, साकेत नगर के सभागार में कानपुर नगर के सुप्रसिद्ध गीतकार श्री सुनील वाजपेयी के गीत संकलन” गीत विहग मेरे’ का लोकार्पण समारोह धूमधाम से सम्पन्न हुआ।

समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि श्री सतीश महाना (विधान सभा अध्यक्ष) एवम् डॉ जीवन शुक्ल के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया. इसके उपरान्त शिवात्मिका वाजपेयी ने भावपूर्ण कत्थक शैली में गणेश वंदना और प्रसिद्ध गायिका कविता सिंह ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत करके वातावरण को सरस कर दिया.

इसके उपरान्त मुख्य अतिथि श्री सतीश महाना, कार्यक्रम के अध्यक्ष डा.जीवन शुक्ल, डा.लक्ष्मी कान्त पाण्डेय, श्री श्याम सुन्दर निगम, डा. दया दीक्षित, डा० राकेश शुक्ला, श्री सतीश गुप्ता डा. जे एन गुप्ता एवम् अन्तरर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डा. सुरेश अवस्थी आदि अतिथिगणों का विधिवत माल्यार्पण एवम् अंगवस्त्र, शॉल तथा संस्था के स्मृति चिह्न द्वारा सम्मान किया गया, फिर सम्मानित अतिथिगनों और श्री सतीश महाना द्वारा “गीत विहग मेरे ” काव्य कृति का लोकार्पण किया गया. इसके बाद सम्मानित विद्वतजनो एवम् मुख्य अतिथि श्री सतीश महाना ने “काव्य कृति’ के सम्बन्ध में बिन्दुबिन्दु
अपने उद्गार प्रकट किए श्री महाना ने गीतकार श्री सुनीलवाजपेयी को बधाई देते हुए कहा कि उनकी साहित्यिक रचनायें समाज के लिए लोकप्रिय , उपयोगी एवं प्रेरणादायक है ।इसके बाद श्री सुनील वाजपेयी ने संकलन के को कुछ गीतों का सस्वर वाचन करके उपस्थित श्रोताओं को
मंत्र मुग्ध कर दिया. कार्यक्रम के अंत में श्री सुनील वाजपेथी के जीवन से सम्बन्धित
चित्रावली का प्रदर्शन हुआ, अंत में आशीष वाजपेयी ने उपस्थित जन समुदाय के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम का समापन किया. सम्पूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन डा० कमल मुसद्दी द्वारा किया गया. सभी वरिष्ठ गीताकार एवं साहित्यकार उपस्थित रहे ।

मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने गीतकार सुनील बाजपेई की ‘गीत विहग मेरे’ पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि सुनील वाजपेयी के गीतों में सनातनी भाव झलकते है, जो समाज को एक दिशा देते हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ गीतकार शिवकुमार सिंह कुंवर, डॉ जीवन शुक्ल, चन्द्र मोहन पांडेय, लोकेश शुक्ल, डॉ शशि शुक्ल, श्रवण शुक्ल, दिलीप दुबे, मृदुल तिवारी, डॉ सुरेश अवस्थी, संचालन कमल मुसद्दी ने किया। स्वागत डॉ सुरेश अवस्थी ने किया।

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