Awadh Ojha Join Aap: देश के जाने-माने मोटिवेशनल स्पीकर और आईएएस कोचिंग के मशहूर शिक्षक अवध ओझा ने राजनीति में एक बड़ा कदम उठाते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया है।
ओझा सर के नाम से मशहूर अवध ओझा ने दिल्ली में AAP के मुख्यालय में पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ली। उनके इस फैसले से न सिर्फ राजनीति बल्कि शिक्षा जगत में भी हलचल मच गई है।
चुनावी राजनीति में अवध ओझा की एंट्री (Awadh Ojha In Politics)
सूत्रों के अनुसार, अवध ओझा दिल्ली विधानसभा चुनाव में किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि उनकी चुनावी सीट का आधिकारिक ऐलान अभी नहीं हुआ है |
लेकिन यह तय माना जा रहा है कि पार्टी ने उनके लिए एक महत्वपूर्ण सीट की पहचान कर ली है। ओझा पहले भी राजनीति में सक्रिय रुचि रखते थे, और अब वह सक्रिय राजनीति में अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार हैं।
केजरीवाल की तारीफ और AAP में शामिल होने की वजह (Avadh Ojha News)
अवध ओझा ने पहले भी एक टीवी इंटरव्यू में अरविंद केजरीवाल की तारीफ करते हुए उन्हें “राष्ट्रीय राजनीति का आदमी” बताया था।
उन्होंने कहा था कि यदि केजरीवाल अपने सहयोगियों को बेहतर संभाल पाते, तो आज उनकी छवि और मजबूत होती। माना जा रहा है कि उनकी यह प्रशंसा और AAP की कार्यशैली ने उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
पहले लोकसभा चुनाव लड़ने की थी योजना
इससे पहले अवध ओझा की राजनीति में दिलचस्पी तब सुर्खियों में आई थी जब वह 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रयागराज सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। उस समय उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं से मुलाकात भी की थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाया।
इसके अलावा, कैसरगंज सीट से भी उनके चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, अब उनके AAP में शामिल होने से साफ हो गया है कि वह दिल्ली की राजनीति में अपने लिए नई संभावनाएं (Awadh Ojha Join Aap) तलाश रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान (Avadh Ojha Role in Teaching)
अवध ओझा अपनी अनूठी पढ़ाने की शैली और मोटिवेशनल स्पीच के लिए जाने जाते हैं। खासतौर पर आईएएस की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं के बीच वह काफी लोकप्रिय हैं। सोशल मीडिया पर भले ही उनके अपने आधिकारिक अकाउंट न हों, लेकिन उनके वीडियो और विचार खूब वायरल होते हैं।
ओझा सर के वीडियो यूट्यूब और अन्य प्लेटफॉर्म पर लाखों बार देखे जाते हैं। उनका मानना है कि शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह समाज को बदलने का माध्यम भी होनी चाहिए।
सियासत पर बेबाक राय
अवध ओझा अपनी बेबाक राय के लिए भी जाने जाते हैं। उन्होंने राहुल गांधी को प्रियंका गांधी से बेहतर नेता बताते हुए कहा था कि प्रियंका एक बेहतर आयोजक और समन्वयक हैं |
लेकिन राहुल गांधी में नेतृत्व की अधिक संभावनाएं हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बारे में उन्होंने कहा था कि वे विजनरी नेता हैं और देश के प्रधानमंत्री बनने की क्षमता रखते हैं।
नई भूमिका में अवध ओझा (Awadh Ojha in New Role)
अब जब अवध ओझा आम आदमी पार्टी का हिस्सा बन चुके हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वे शिक्षा और राजनीति के बीच किस तरह संतुलन बनाते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता और मोटिवेशनल स्पीच ने जहां हजारों युवाओं को प्रेरित किया है, वहीं अब राजनीति में उनकी भूमिका क्या होगी, यह आने वाले समय में साफ होगा।
अवध ओझा का आम आदमी पार्टी में शामिल होना (avadh ojha in aap party) यह दर्शाता है कि राजनीति अब केवल परंपरागत नेताओं तक सीमित नहीं रही। शिक्षाविदों और विचारकों का राजनीति में आना इस बात का संकेत है कि समाज में बदलाव लाने के लिए शिक्षित और जागरूक लोगों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है।
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