आप लोग एलोवेरा को जानते होगे एलोवेरा को एक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एलोवेरा के फायदे और उपयोग क्या-क्या हैं ? एलोवेरा के औषधीय गुण (aloe vera medical properties in hindi) क्या क्या हैं और किस-किस रोग में एलोवेरा के इस्तेमाल से लाभ मिलता है।
एलोवेरा क्या है (What is Aloe Vera in Hindi)?
एलोवेरा एक पौधा है। इसके पत्ते मोटे, गूदेदार होते हैं। पत्ते चारो तरफ होते हैं। पत्तो का रंग हरा होता है | एलोवेरा (Aloe Vera) के पत्तो के आगे का भाग नुकीला होता है।और किनारों पर हल्के काँटे होते हैं। पत्तों के बीज से फूल का दंड उगता है जिस पर पीले रंग के फूल आते है |
एलोवेरा के वानस्पतिक नाम (Aloe Vera Botanical Name)
एलोवेरा का वानस्पतिक नाम एलो बारबाडेंसिस मिलर (Aloe barbadensis Mill) है, और इसे विभिन्न भाषाओं में भिन्न भिन्न (aloe vera names in different languages) नाम से जाना जाता हैंः-
- Hindi – घीकुआँर, ग्वारपाठा, घीग्वार
- English – एलो वेरा (Aloe vera),
- Sanskrit – कुमारी, गृहकन्या, कन्या, घृतकुमारी
- Kannada – लोलिसर (Lolisar)
- Telugu – कलबन्द (Kalband), एट्टाकलाबन्द (Ettakalaband)
- Bengali – घृतकुमारी (Ghritkumari)
- Nepali – घ्यूकुमारी (Giukumari)
- Punjabi – कोगर (Kogar), कोरवा (Korwa)
- Malayalam – छोट्ठ कथलाइ (Chotthu kathalai)
- Marathi – कोरफड (Korphad), कोराफण्टा (Koraphanta)
- Arabic – तसाबार अलसी (Tasabrar alsi), मुसब्बर (Musabbar)
एलोवेरा के फायदे और उपयोग (Aloe Vera Benefits and Uses)
एलोवेरा एक रसीला पौधा है और इसके पत्तों में पानी का भंडार होता हैं। इसकी पत्तियाँ दो पदार्थ उत्पन्न करती हैं – जेल, जो कि कई अन्य पोषक तत्वों में मिश्रित होती है, और रस, जिसे एलो लेटेक्स भी कहा जाता है। एलोवेरा जेल व्यापक रूप से सनबर्न को दूर करने और घावों को ठीक करने के लिए जाना जाता है।
एलोवेरा लेटेक्स का स्वाभाविक रूप से अवसाद, कब्ज, अस्थमा और मधुमेह के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके आलावा भी एलोवेरा बहुत तरह से उपयोगी है |
1. सिरदर्द में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera juice for headaches in hindi)
एलोवेरा से सिर दर्द में आराम पा सकते हैं। इसके लिए एलोवेरा जेल लें, और थोड़ी मात्रा में पीसी दारु हल्दी मिला लें। इसे गर्म करके दर्द वाले जगह बांधें। इससे सिरदर्द से आराम मिलेगा |
2. एलोवेरा से खाँसी – जुकाम में इलाज (Aloe Vera benefits for cough and cold in hindi)
खाँसी – जुकाम में एलोवेरा के पत्तो से गूदा निकालें। गूदा और सेंधा नमक लेकर मिला लें। इसको 5 ग्राम की मात्रा में मुनक्का के साथ सुबह-शाम सेवन करें। ऐसा करने ने आपकी पुरानी खाँसी एवं जुकाम भी ठीक हो जाता है।
3. पेट की बीमारी में एलोवेरा के सेवन से फायदेमंद (Aloe Vera Uses for Abdominal Disease in Hindi)
- एलोवेरा (aloe vera ) के औषधीय गुण से पेट के रोगो में भी लाभ होता है। एलोवेरा के गूदे को पेट के ऊपर बांधने से पेट की गाँठ बैठ जाती है। इससे आँतो में जमा मल भी बाहर निकल जाता है।
- एलोवेरा की 10-20 ग्राम जड़ को गर्म पानी में उबाल लें। इस पानी को छानकर इसमे भुनी हुई हींग मिला लें। इसे पीने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
- गाय के घी में 5-6 ग्राम एलोवेरा के गूदे में त्रिकटु सोंठ, मरिच पिप्प्ली, हरड़ और सेंधा नमक मिला लें। इसका सेवन करने से गैस की परेशानी में लाभ होता है।
- 60 ग्राम एलोवेरा के गूदे में 60 ग्राम घी, 10 ग्राम हरड़ चूर्ण और 10 ग्राम सेंधा नमक लें। इसे अच्छी तरह मिला लें।इसको 10-15 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से वात दोष से होने वाले पेट की गैस की समस्या से निजात मिलता है। इसके सेवन से पेट में जुड़ी बीमारियों में भी फायदेमंद होता है |
- एलोवेरा के पत्ते को अच्छे से साफ कर लें। इसके छोटे-छोटे टुकड़े काटकर मिट्टी के एक बर्तन में रख लें। एलोवेरा के 5 किलो के टुकड़े में आधा किलो नमक डालकर बर्तन का मुँह बंद कर दें। इसे 2-3 दिन धूप में रखें। इसे बीच-बीच में हिलाते रहें। तीन दिन बाद इसमें 100 ग्राम हल्दी, 100 ग्राम धनिया, 100 ग्राम सफेद जीरा, 50 ग्राम लाल मिर्च, 6 ग्राम भुनी हुई हींग डाल लें। इसी में 30 ग्राम अजवायन, 100 ग्राम सोंठ, 6 ग्राम काली मिर्च, 6 ग्राम पीपल, 5 ग्राम लौंग भी डाल लें। इसके साथ ही 5 ग्राम दाल चीनी, 50 ग्राम सुहागा, 50 ग्राम अकरकरा, 100 ग्राम कालाजीरा, 50 ग्राम बड़ी इलायची और 300 ग्राम राई डालकर महीन पीस लें। रोगी को 3-6 ग्राम तक की मात्रा में सुबह-शाम देने से पेट के वात-कफ संबंधी बीमारी दूर हो जाएगी इसको सूखने पर अचार, दाल, सब्जी आदि में डालकर प्रयोग करें।
4. लीवर विकार में एलोवेरा (ग्वारपाठा) के फायदे (Aloe Vera Uses for Liver Disorder in Hindi)
- एलोवेरा के पत्तों का रस और 1 भाग शहद को लेकर उसे चीनी मिट्टी के बर्तन में रखें। इस बर्तन को 1 सप्ताह तक धूप में रख दें। एक सप्ताह बाद इसे छान लें। इस औषधि को 10-20 मिलीग्राम की मात्रा में सुबह-शाम लेने से लीवर से संबंधित बीमारिया ठीक हो जाती है।
- अधिक मात्रा में एलोवेरा का सेवन करने से पेट साफ होता है। अधिक मात्रा में सेवन करने से मल एवं वात से जुड़ी समस्याएं ठीक होने लगती हैं। इससे लीवर स्वस्थ हो जाता है।
5. मूत्र रोग में एलोवेरा के औषधीय गुण से लाभ (Uses of Aloe Vera for Urinary Disease in Hindi)
एलोवेरा के औषधीय गुण द्वारा मूत्र संबंधी कई रोगो में भी फायदा होता है | एलोवेरा जेल को 5-10 ग्राम में चीनी में मिलाकर खाने से पेशाब में होने वाले दर्द और जलन से आराम मिलता है।
6. घाव और चोट में एलोवेरा के गुण से फायदा (Aloe Vera Helps for Healing Wound and Injury in Hindi)
- फोड़ा ठीक से पक न रहा हो तो एलोवेरा के गूदे में थोड़ा सज्जीक्षार और हरड़ चूर्ण मिलाकर घाव पर बांधें। इससे फोड़ा जल्दी पक कर फूट जाता है।
- एलोवेरा के पत्ते को एक ओर से छील लें। इस पर थोड़ा हरड़ का चूर्ण बुरक कर हल्का गर्म कर लें। इसे गाँठ पर बांधें। इससे गाँठो की सूजन दूर होगी।
- स्त्रियों के स्तन में गाँठ पड़ गई हो या सूजन हो गई हो तो एलोवेरा की जड़ का पेस्ट बना लें। इसमें थोड़ा हरड़ चूर्ण मिलाकर गर्म करके बांधने से लाभ होता है। इसे दिन में 2-3 बार बदलना चाहिए।
- एलोवेरा का गूदा घावों को भरने के लिए सबसे उपयुक्त औषधि है। रेडिएशन के कारण हुए गंभीर घावों पर इसके प्रयोग से बहुत ही अच्छा फायदा मिलता है।
- आग से जले हुए अंग पर एलोवेरा के गूदे को लगाने से जलन शांत हो जाती है। इससे फफोले नहीं होते हैं।
- एलोवेरा और कत्था को समान मात्रा में पीसकर लेप करने से नासूर में फायदा होता है।
- एलोवेरा के रस को तिल और कांजी के साथ पका लें। इसका लेप करने पर घाव में लाभ होता है।
- केवल एलोवेरा के रस को पकाकर घाव पर लेप करने से भी लाभ होता है।
7. चर्म रोग में एलोवेरा के फायदे (Aloe Vera Uses for Skin Disease in Hindi)
कई तरह के चर्म रोग में एलोवेरा का प्रयोग करने पर फायदा होता है। अगर आपकी त्वचा पर मस्से निकल आए हैं तो एलोवेरा के पत्ते को एक तरफ से छीलकर मस्सों पर बांधें। इससे मस्से खत्म हो जाते हैं।
8. बुखार में एलोवेरा के औषधीय गुण से फायदा (Aloe Vera Benefits in Fighting with Fever in Hindi)
एलोवेरा बुखार में भी काफी असरदार होता हैं | एलोवेरा की जड़ को काटकर उसका काढ़ा बना लें। प्रतिदिन 10-20 मिलीग्राम काढ़े को दिन में तीन बार पियें | इससे आपका बुखार ठीक हो सकता है।
एलोवेरा के उपयोगी भाग (Useful Parts of Aloe Vera in Hindi)
एलोवेरा के इन भागों को उपयोग में लाया जाता है,
- पत्ते
- जड़
- फूल
कैसे करे एलोवेरा का इस्तेमाल (How to Use Aloe Vera in Hindi)?
- एलोवेरा का इस तरह इस्तेमाल कर सकते हैंः-
- काढ़ा – 25-50 मिलीग्राम
एलोवेरा कहाँ पाया या उगाया उगाया जाता है (Where is Aloe Vera Found or Grown)?
भारत के सभी हिस्सों में एलोवेरा (Aloe Vera) की खेती की जाती है। मुख्य तौर पर मुंबई, गुजरात और दक्षिण भारत में इसकी खेती की जाती है। इसकी खेती बलुई और अच्छी तरह से सूखी जमीन पर की जाती है। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में इसे व्यापक तौर पर उगाया जाता है।
ये हैं घृतकुमारी या एलोवेरा (Aloe Vera) के फायदे और उपयोग | सेहत से जुड़ी ऐसी ही ख़बरों को जानने के लिए जुड़े रहिये न्यूज़ जंगल के साथ |