एलोवेरा भले ही एक छोटा-सा पौधा है, लेकिन इसके गुण हजार हैं। इसके अनगिनत फायदों के कारण ही इसे लगभग हर घर में इस्तेमाल किया जाता है। एलोवेरा के फायदे अनेक हैं,चाहे वो स्वास्थ्य के लिए हों, त्वचा के लिए हों या बालों के लिए।
एलोवेरा के औषधीय गुण
News Jungal Desk : एलोवेरा के औषधीय गुणों की अगर बात की जाए तो इसमें एंटीसेप्टिक, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और ऐसे ही कई अन्य गुण मौजूद होते हैं। इसके साथ ही इसमें विटामिन ए और फोलिक एसिड पाया जाता हैं। यह एकमात्र पौधा है जो पाचन क्रिया में सुधार कर सकता है , रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करने के साथ-साथ डायबिटीज जैसी बीमारी में भी लाभकारी परिणाम दिखा सकता है ।
कब्ज के लिए एलोवेरा
कई लोग कब्ज के लिए तरह-तरह की दवाइयां लेते हैं, जिसके दुष्प्रभाव हो भी सकते हैं। ऐसे में अगर प्राकृतिक चीजों का सेवन किया जाए, तो से राहत मिल सकती है। यहां हम कब्ज में एलोवेरा खाने से क्या होता है, यह जानकारी दे रहे हैं। कब्ज की स्थिति में एलोवेरा का रस फायदेमंद हो सकता है। एलोवेरा में लैक्सेटिव गुण (Laxative – पेट साफ करने का गुण) मौजूद होता है। कई बार विशेषज्ञ कब्ज के दौरान लैक्सेटिव खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह देते हैं । यह मल को मुलायम कर पेट साफ करने में मदद कर सकता है। हालांकि, लैक्सेटिव गुण के कारण एलोवेरा का सेवन पूरी तरह सुरक्षित है या नहीं, इस बारे में अभी और शोध की आवश्यकता है। इस बारे में एक बार डॉक्टरी सलाह भी आवश्यक है।
3. मधुमेह के लिए एलोवेरा के फायदे
घृतकुमारी के लाभ की अगर बात करें तो यह डायबिटीज के लिए भी गुणकारी हो सकता है। एलोवेरा का सेवन करने से टाइप डायबिटीज से ग्रस्त मरीज का ब्लड शुगर लेवल कुछ हद तक संतुलित हो सकता है। दरअसल, एलोवेरा का एंटी-डायबिटिक गुण मधुमेह में प्रभावकारी हो सकता है । इसके अलावा, डायबिटिक चूहों पर किए गए शोध में पाया गया कि एलोवेरा की पत्तियां भी मधुमेह में असरदार साबित हो सकती हैं । हालांकि, यह शोध जानवरों पर है, ऐसे में मधुमेह के लिए रोगी इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टरी परामर्श भी ले सकते हैं।
. पाचन क्रिया के लिए एलोवेरा
एलोवेरा के लाभ की बात करें तो यह पेट और पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। पाचन संबंधी समस्याओं के लिए एलोवेरा जूस का सेवन किया जा सकता है। एक अन्य भारतीय अध्ययन के अनुसार, एलोवेरा का उपयोग पेप्टिक अल्सर के इलाज में उपयोग किया जा सकता है। यह एच. पाइलोरी (H. pylori) (जो गैस्ट्रिक संक्रमण का कारण बनता है) के खिलाफ एंटी-बैक्टीरियल का काम कर सकता है, इसके साथ ही इसमें एंटी-अल्सर गुण भी मौजूद होते हैं। इसके अलावा, एलोवेरा आईबीएस (Irritable Bowel Syndrome –पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या) से ग्रस्त मरीजों में पेट दर्द व गैस की समस्या को कम कर सकता है ।
5. कोलेस्ट्रॉल के लिए एलोवेरा के गुण
एलोवेरा का सेवन कोलेस्ट्रॉल के लिए भी लाभकारी हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, एलोवेरा के सेवन से न सिर्फ ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम हो सकता है, बल्कि लिवर कोलेस्ट्रॉल भी कम हो सकता है । इसके अलावा, एलोवेरा में मौजूद हाइपोकोलेस्ट्रोमिक प्रभाव (Hypocholesterolemic Effect – कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाला गुण) कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हो सकता है। फिलहाल, इस बारे में अभी और वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता है।
6. मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए घृतकुमारी आसव
एलोवेरा के फायदे की अगर बात की जाए तो यह मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। एलोवेरा न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी (Neurodegenerative Disease – तंत्रिका से जुड़ी), मिर्गी और मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए प्रभावकारी हो सकता है । इसके अलावा, एक अध्ययन के मुताबिक, एलोवेरा स्मरण शक्ति को बेहतर करने में मददगार हो सकता है । हालांकि, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है, लेकिन व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने के लिए एलोवेरा का सेवन कर सकता है।
7. हृदय रोग से बचाव के लिए एलोवेरा के गुण
एलोवेरा का सेवन हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। चूहों पर किए गए एक भारतीय अध्ययन से पता चला है कि एलोवेरा हृदय रोग के जोखिम खासकर डॉक्सोरूबिसिन दवा (कैंसर उपचार के लिए) के दुष्प्रभाव से होने वाली समस्याओं को कम कर सकता है । वहीं, दूसरी तरफ एलोवेरा जेल में कार्डियो प्रोटेक्टिव गुण होने की बात सामने आयी है। इसके अलावा, एनसीबीआई की एक और अध्ययन के अनुसार, एलोवेरा एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis – धमनियों में प्लाक का जमने की बीमारी) को रोकने में मदद कर सकता है ।
9. गठिया के लिए घृतकुमारी के औषधीय गुण
अधिक वजन, संक्रमण, बढ़ती उम्र या अन्य कई कारणों से गठिया की बीमारी हो सकती है . ऐसे में समय रहते इस पर ध्यान देकर इसका उपचार करना जरूरी है। गठिया के उपाय की बात की जाए तो एलोवेरा लाभकारी हो सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक,यह ऑस्टियोअर्थराइटिस (Osteoarthritis – गठिया का प्रकार) के इलाज में लाभकारी हो सकता है । इसके अलावा, एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होने के कारण इसका उपयोग जोड़ों के दर्द के लिए फायदेमंद हो सकता है.
घाव भरने के लिए एलोवेरा
घाव भरने का इलाज, एलोवेरा के सबसे बड़े लाभों में से एक हो सकता है। यह फाइब्रोब्लास्ट्स (कोशिकाएं जो कोलेजन का उत्पादन करती हैं) के प्रसार में सुधार कर घाव भरने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है
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