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Bhole Baba Net Worth : ऐसे चलता था बाबा भोले का असली खेल दान नही फिर भी खड़ा किया 100 करोड़ का साम्राज्य

Baba's business

Bhole Baba Net Worth : ‘भोले बाबा’ यानी सूरज पाल जाटव के देशभर में करीब 24 आश्रम होने का पता चला है | उसके आश्रमों के पास 100 करोड से ज्यादा की जमीन है | लग्जरी कारों का बड़ा काफिला बाबा के पास है, उसके काफिले में 25 से 30 गाड़ियां हर वक्त होती थीं |  बाबा खुद फॉर्च्यूनर से चलते हैं |

भक्त कहते हैं ‘भोले बाबा’ (Bhole Baba) एक रुपया भी नहीं लेते थे, फिर कैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में बाबा का आलीशान आश्रम खड़ा हो गया |आज हर कोई जानता चाहता है कि बाबा का साम्राज्य कितना बड़ा है? शुरुआती जानकारी में करीब 100 करोड़ रुपये के साम्राज्य होने की बात आ रही है |

आइए जानते है कि सूरज पाल जाटव के किन शहरो में आश्रम है, उसे खड़ा कैसे किया गया और बाबा की कमाई का असली जरिया क्या है ?

दरअसल,बाबा, और इसके भक्तों का एक ही मूल मंत्र था कि पूरे देश दुनिया नहीं… बल्कि पूरे ब्रह्मांड में बाबा नारायण साकार हरि की जय जयकार हो |

लेकिन बाबा सूरज पाल जाटव ने इन्हीं भक्तों के भरोसे करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर दिया | वो भी इतनी शातिर तरीके से कभी सरकार या प्रशासन की निगाहों में आए तो कानूनी लिहाज से उसका बाल बांका नहीं हो पाए |

भक्तों की आस्था और विश्वास के बूते बाबा सूरज पाल ने अपना धंधा फैला रखा था | बाबा कोई दान नहीं लेता था, लेकिन उसने शातिर तरीके से ट्रस्ट बनाए और उनके नाम से जायदाद खरीदी | देशभर में करीब 24 आश्रम होने का पता चला है |

आश्रमों के पास 100 करोड रुपये से ज्यादा की जमीन है | लग्जरी कारों का बड़ा काफिला बाबा के पास है, काफिले में 25 से 30 गाड़ियां हर वक्त होती थीं | बाबा खुद फॉर्च्यूनर (Bhole baba lifestyle) से चलते हैं | खुद के नाम संपत्ति नहीं खरीदकर वो स्थानीय लोगों को ट्रस्टी बनाता था |

ट्रस्ट की आड़ में आलीशान आश्रम (Hathras Baba)

बता दें, औलाद नहीं होने की वजह से सूरज पाल सिंह जाटव ने अपनी सारी संपत्ति नारायण विश्व हरि ट्रस्ट के नाम कर दी थी, और इस ट्रस्ट को सेवादार चलाते हैं, जो बाबा के सबसे भरोसे होते, उसे सेवादार नियुक्त किया जाता था |

 सेवादार बनने के लिए एक औपचारिक आवेदन प्रक्रिया होती है, जिसके बाद सिलेक्शन किया जाता है | फिर सेवादार को पेमेंट, भोजन और आश्रम में ही रहने की सुविधा मिलती है |

सूरज पाल उर्फ भोले बाबा ने स्वयं को दान लेने से अलग रखा | लेकिन सामान्य परिवार से आने वाले इस बाबा ने ट्रस्ट बना दिए | मैनपुरी आश्रम में एक बोर्ड लगा हुआ है कि जिसमें दानदाताओं के बारे पूरी में जानकारी दी गई है |

जिसमें 10 हजार रुपये से लेकर ढाई लाख रुपये तक का दान देने वाले दानकर्ताओं का जिक्र है | इस प्रकार बाबा खुद दान न लेकर ट्रस्ट के जरिए दान लेने की बात पुख्ता होती है, यहां पर 200 (Baba’s business) लोगों के दान देने की बात है |

मैनपुरी में भोले बाबा का आलीशान आश्रम है | यहां पर 6 कमरे भोले बाबा और उसकी पत्नी के लिए रिजर्व हैं | मैनपुरी का बिछुआ आश्रम तीन साल पहले ही बना है | करोड़ों की लागत से ये आश्रम बना है हालांकि ये आश्रम सीधे बाबा के नाम पर नहीं है | राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से इसका निर्माण कराया गया है |

राजस्थान के दौसा में आश्रम (Hathras Suraj Baba)

हाथरस हादसे के बाद राजस्थान के दौसा स्थित आश्रम को कवर कर दिया गया है | अंदर की झलक तक नहीं पा सकते | यहां बाबा आता तो पूरे इलाके में उसका कौफ फैल जाता उसकी प्राइवेट आर्मी लोगों के आईकार्ड चेक करके ही उनके घरों तक जाने देती | आसपास की सड़कों पर उसकी प्राइवेट आर्मी का पूरा कब्जा होता है |

लेकिन अब बाबा की पोल खुल रही है तो उसके खिलाफ आवाज भी उठने लगी है | दूसरे संत भी बाबा सूरज पाल को लेकर सवाल कर रहे हैं | 

बाबा (Suraj Pal Jatav) का सुरक्षा घेरा

बाबा सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि के रहस्यों से धीरे -धीरे पर्दा उठ रहा है और इसमें सबसे दिलचस्प है बाबा की वो पिंक आर्मी जिसमें कम से कम 5000 जवान है |

और इसमें सबसे ज्यादा चर्चा ब्लैक कमांडो (Bhole Baba Security Equipments) की होती है, जो उनके एक इशारे पर जान देने को तैयार रहते थे |आखिर बाबा का सुरक्षा घेरा इतना सख्त क्यों था? इतनी रहस्यमयी क्यों था? 

बाबा के कार्यक्रम का वीडियो बनाना भी मना था | यहां तक की मोबाइल ले जाना भी मना था | बाबा की पिंक आर्मी, जो कि हर सत्संग में सुरक्षा का जिम्मा संभालता था | बाबा तीन लेयर की सुरक्षा में सत्संग करते थे | जिसमें करीब 5000 से ज्यादा पिंक वर्दी में जवान मौजूद रहते थे |

बाबा के अपने 100 ब्लैक कैट कमांडो सुरक्षा में लगे है | इसी यूनिट में महिला कमांडो भी तैनात हैं | महिला कमांडो की वर्दी पैरा मिलिट्री फोर्स जैसी है | 25 से 30 लोगों का खास दस्ता भी था जिसका नाम हरिवाहक दस्ता था |

‘भोले बाबा’ का कई जगहों पर आश्रम (Bhole Baba Net Worth Archives)

मैनपुरी के अलावा कानपुर के बिधनू इलाके के कसुई गांव में करीब तीन बीघे में आश्रम बना हुआ है | वहीं, इटावा में 15 बीघा में आश्रम फैला हुआ है | सराय भूपत के कटे खेड़ा गांव में बाबा का आश्रम है |

नोएडा के सेक्टर-87 में बाबा का आलीशान आश्रम है | कासगंज के बहादुरनगर स्थित पटियाली गांव में बाबा का एक और भव्य आश्रम है | इसी गांव में बाबा का जन्म हुआ था | यहीं से बाबा के साम्राज्य की शुरुआत हुई थी | 

बाबा का सबसे पुराना आश्रम (Hathras Case)

सूरजपाल सिंह जाटव एटा जिले से अलग हुए कासगंज के पटियाली के बहादुरनगर गांव के निवासी हैं | वैसे बाबा का अब अपने गांव आना-जाना कम रहता है | लेकिन बहादुरनगर बाबा के जन्मस्थली के रूप में मशहूर है, जहां रोजाना लोगों की भीड़ पहुंचती है | यहां बाबा का बड़ा साम्राज्य है | बहादुरनगर में बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट है, यहां सैकड़ों लोग काम करते हैं |

ट्रस्ट के एक सदस्य ने बताया कि बाबा के नाम पर यहां 20-25 बीघा जमीन (Bhole Baba Net Worth) है, जहां खेती होती है | इसके अलावा ट्रस्ट के लोगों का यहां आने वाले भक्तों को कोई दिक्कत न हो, इस काम को देखते हैं | बहादुरनगर ट्रस्ट में बड़ी संख्या में महिला सेवादार भी हैं |

भक्तों के मुताबिक जब बाबा भोले अपने अनुयायियों को प्रवचन देते थे तो उनके बगल वाली कुर्सी पर उनकी मामी बैठी होती हैं | हालांकि उनकी मामी कभी प्रवचन नहीं करती हैं | फिलहाल उनके भक्त उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के अलावा देश के दूसरे हिस्सों में भी मौजूद हैं, जो सत्संग में आशीर्वाद लेने पहुंचते थे |

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