SBI MCLR Hike: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने करोड़ों ग्राहको को एक बार फिर झटका दिया है. बैंक ने एमसीएलआर में 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोत्तरी कर दी है. अब ग्राहकों को लोन पर पहले से ज्यादा EMI भरनी होगी.
News Jungal National desk: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने करोड़ों ग्राहकों को एक बार फिर तगड़ा झटका दिया है. बैंक ने एसबीआई (SBI) ने सभी समयावधि के लिए अपने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोत्तरी कर दी है. अब बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा. बैंक की नई दरें 15 फरवरी, 2023 से लागू भी कर दी गई हैं. बता दें कि रेपो रेट बढ़ने के बाद कई बैंकों ने एमसीएलआर बढ़ाए हैं.
ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर तय होती है. ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं. अब आपको लोन लेने पर पहले से ज्यादा ईएमआई का भुगतान करना होगा. ग्राहकों की जेब पर इसका सीधा असर पड़ेगा.
नई MCLR दरें
एसबीआई ने ओवरनाइट एमसीएलआर दर को 7.95 फीसदी, 1 महीने के लिए एमसीएलआर दर 8.10 फीसदी और 3 महीने के लिए एमसीएलआर दर 8.10 फीसदी कर दी है। वहीं बैंक का 6 महीने के लिए एमसीएलआर दर 10 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 8.40 फीसदी, 1 साल के लिए एमसीएलआर 8.40 फीसदी से 8.50 फीसदी, 2 साल के लिए एमसीएलआर 8.50 फीसदी से 8.60 फीसदी और 3 साल के लिए एमसीएलआर 8.60 फीसदी से 8.70 फीसदी कर दिया गया है.
क्या है MCLR?
गौरतलब है कि एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित किया जाता है. उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय किया करते थे.
क्या हैं नई MCLR दरें
एसबीआई ने ओवरनाइट एमसीएलआर दर को 7.95 फीसदी, 1 महीने के लिए एमसीएलआर दर 8.10 फीसदी और 3 महीने के लिए एमसीएलआर दर 8.10 प्रतिशत कर दिया है। वहीं बैंक का 6 महीने के लिए एमसीएलआर दर 10 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 8.40 फीसदी, 1 साल के लिए एमसीएलआर 8.40 फीसदी से 8.50 फीसदी, 2 साल के लिए एमसीएलआर 8.50 फीसदी से 8.60 फीसदी और 3 साल के लिए एमसीएलआर 8.60 फीसदी से 8.70 फीसदी कर दिया गया है.
क्या है MCLR?
गौरतलब है कि एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक्स लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं. उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय किया करते थे.
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