नीतीश कुमार विपक्षी एकता का दावा कर रहे हैं और 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रास्ता रोकने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. इसके लिए बिहार में बने महागठबंधन की नजीर दी जा रही है जहां एक ओर 7 पार्टियों का गठबंधन है, वहीं दूसरी ओर भाजपा अब तक मोटे तौर पर अकेली खड़ी दिख रही है. मगर सवाल यह है कि क्या महागठबंधन की जो मजबूती ऊपर से दिखती है वही, भीतर से भी है? यह सवाल कांग्रेस के कन्हैया कुमार और राजद के तेजस्वी यादव के नाम से जुड़ता है
News Jungal Desk :- कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Kanhaiya Kumar and Tejashwi Yadav) के बीच आज भी दूरी बरकरार है । और आज भी तेजस्वी यादव कन्हैया कुमार के साथ मंच साझा करने से गुरेज कर रहे हैं । और इस बात की पुष्टि बुधवार को पटना के बापू सभागार में बिहार कुम्हार प्रजापति समन्वय समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान हो गई है । दरअसल, इस कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर उद्घाटनकर्ता के रूप में तेजस्वी यादव को करना था, लेकिन एन मौके पर तेजस्वी इस कार्यक्रम में शरीक नहीं हुए ।
तेजस्वी यादव के कार्यक्रम में नहीं आने की खबर फैलते ही मौके पर मौजूद लोगों के बीच यह गुफ्तगू होने लगी कि कन्हैया कुमार के आने के कारण तेजस्वी यादव ने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली । और इधर, तेजस्वी के कार्यक्रम से दूरी बनाए जाने के सवाल पर जब मीडियाकर्मियों ने मौके पर मौजूद RJD कोटे के मंत्री इसरायल मंसूरी से तेजस्वी यादव के इस कार्यक्रम में नहीं आने की वजह जाननी चाही तो इसरायल मंसूरी सवाल को टालते नजर आए । और वहीं कन्हैया ने भी यह कह कर चुप्पी साध ली कि कार्यक्रम को संचालन होने दीजिए ।
क्या तेजस्वी यादव को कन्हैया कुमार से कोई दिक्कत है?
क्या तेजस्वी यादव आपके साथ मंच साझा नहीं करना चाहते हैं? इस सवाल पर कन्हैया कुमार ने केवल इतना बोला कि मंच पर अध्यक्ष जी कुछ कह रहे हैं उनकी बात सुनिए. चलिए हमको जनता को देखने दीजिए. मौके पर मौजूद मंत्री अशोक चौधरी भी इस सवाल को टालते हूए यह कहा कि सरकार कुम्हार जाति के लोगों की भावनाओ का ध्यान रखेगी. बताते चलें की तेजस्वी के नहीं आने के कारण मंत्री अशोक चौधरी और मंत्री इसरायल मंसूरी के साथ कन्हैया ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की ।
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