कानपुर। भाजपा से टिकट के दावेदारों की नाम को लेकर सांस अटकी है। दावेदारों की दिल्ली दौड़ के चलते प्रत्याशियों का सेंसेक्स ऊपर-नीचे चढ़-उतर रहा है। इस बीच पता चला है। यूपी से सत्यदेव पचौरी के लिए जोरदार पैरवी हो गयी है। सोमवार को वह दिल्ली जे लखनऊ आकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से मिलकर उसी दिन दिल्ली लौट गए। तीसरी सूची में कानपुर परर्यशी की घोषणा संभव।
भाजपा प्रत्याशियों की दूसरी सूची फाइनल। करीब 90 की घोषणा शीघ्र। इसमें कानपुर समेत उत्तर प्रदेश की किसी भी संसदीय सीट पर चर्चा नहीं हुई। केंद्रीय चुनाव समिति की सोमवार को देर रात तक चली बैठक में उम्मीद थी कि यूपी diसकस किया जा सकता है। भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो सांसद सत्यदेव पचौरी के पक्ष में समीकरण जाते दिख रहे हैं। पचौरी का सोमवार को दिल्ली से लखनऊ आना। योगी जी और बृजेश पाठक से मिलकर जाना। सकारात्मक एवं आशाजनक बॉडी लैंग्वेज तो यही संकेत देते हैं।
यह भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि मुरली मनोहर जोशी की तरह कोई बाहर से कद्दावर नाम आ जाए तो चौंकाने वाली बात न होगी। इसी 13 मार्च तक हर हाल में प्रत्याशियों की घोषणा होने के संकेत हैं। वजह खरमास। 14 मार्च से यह चालू हो जाएगा। इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही है। प्रत्याशी चयन और घोषणा इसी श्रेणी में है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि अबकी बार चार सौ पार के लिए एक-एक सीट महत्वपूर्ण है। पंचांग के अनुसार 14 मार्च 2024 से खरमास की शुरुआत हो जाएगी और 13 अप्रैल को इसका समापन होगा।
कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की दस में से नौ सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं। सारे नाम 2019 का चुनाव जीते सांसदों के हैं। सिर्फ कानपुर संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी की घोषणा रोक ली गयी है। क्यों? पता नहीं। यह सीट भाजपा के सत्यदेव पचौरी ने कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को 1,55,934 वोटों से हराकर जीती थी। हालांकि 2004 के चुनाव में शाइनिंग इंडिया के नैरेटिव सेट किए जाने के बाद भी पचौरी जायसवाल से मात्र साढ़े चार हजार वोटों से हार गए थे। इसके पीछे पार्टी की अंदरूनी कलह को भी जिम्मेदार ठहराया गया था। 2009 में सतीश महाना भी जायसवाल से करीब 18 हजार वोटों से हार गए थे। अबकी भी महाना और पचौरी के बीच दांव फंसा है। सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व महाना को लड़ाने के मूड में है पर पार्टी का बड़ा वर्ग कानपुर से ब्राह्मण उतारने के मूड में दिखता है। पचौरी नमोएप में देश में टॉप फाइव पर हैं। इसके साथ ही उनके क्षेत्र में करीब साढ़े 56 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट चल रह हैं। उनके समर्थक कहते हैं कि पचौरी अघाके विकास कार्य करवाए हैं तो दूसरी तरफ महाना के समर्थकों का कहना है कि भाजपा में वह कद्दावर नेता हैं। हर मौके पर पार्टी के लिए उनका उल्लेखनीय रहता है।
हालांकि सतीश महाना ने अपने समर्थकों को चुनावी तैयारियों के लिए किसी भी तरह के संकेत नहीं दिए है। फिर भी उनकी दिल्ली दौड़ को पचौरी की टिकट की राह में कांटा और खुद या किसी समर्थक को टिकट दिलाने के रूप में देखी जा रही है। शनिवार शाम को महाना ट्रेन से लखनऊ रवाना हो गए हैं। एक बड़े कार्यक्रम में उपस्थित रहने के बाद वह अयोध्या चले जाएंगे। जहां पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ रामलला के दर्शन करेंगे। फिर उन्हीं के साथ 11 को दिल्ली रवाना हो जाएंगे। समझा जाता है कि 11 से लेकर 13 मार्च के बीच कानपुर सीट के प्रत्याशी की घोषणा हो जाएगी। महाना का दिल्ली ठहराव इसी के मद्देनजर देखा जाता है। दूसरी तरफ विधायक महेश त्रिवेदी, सुरेंद्र मैथाना, अरुण पाठक, रमेश अवस्थी भी टिकट की ओर टकटकी लगाए हैं। महिलाओं में मालिनी अवस्थी, नीतू सिंह, योगी सरकार में मंत्री प्रतिभा शुक्ला और मेयर प्रमिला पांडेय का नाम लिया जा रहा है। प्रदेश के तीन सदस्यीय पैनल में वर्तमान सांसद पचौरी, एक अन्य पुरुष व एक महिला का नाम भी बताया जाता है। फिलहार अटकलों का बाजार गरम है।
2024-03-13