भाजपा: चार हजार एसएचजी को जोड़ने का संकल्पएवार्ड के माध्यम से फिलहाल 900 ग्रुपों को जोड़ा गया

150 सदस्यों संग शामिल होकर सोनी ने संभाली कमान
एक ग्रुप में न्यूनतम 10 अधिकतम 20 महिलाएं,
प्रमुख सोनी मिश्रा ने चलायी जोड़ने की मुहि

कानपुर। चुनाव में महिलाओं का भाजपा की ओर बढ़ता रुझान देखकर इन्हें पार्टी में शामिल करने का अभियान शुरू कर दिया गया है। कानपुर लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय महिलाओं के 4,000 स्वयं सहायता समूह को जोड़ने तानाबाना तैयार हो चुका है। एवार्ड की सह भाजपा नेत्री प्रमुख सोनी मिश्रा 150 महिलाओं के संग भाजपा में शामिल होकर कमान संभाल ली है। कानपुर संसदीय क्षेत्र में हर आयवर्ग की महिलाओ को पार्टी में लाने के प्रयास की कड़ी में यह अभियान है। भाजपा पार्षद दल के नेता नवीन पंडित अभियान के सूत्रधार हैं। सोनी मिश्रा की एसएचजी में प्रभाव की वह तस्दीक करते हैं।


सोनी मिश्रा बताती हैं कि बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में महिलाओं की जबरदस्त वोटिंग ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने में खासी भूमिका निभायी थी। कानपुर लोकसभा क्षेत्र की विभिन्न बस्तियों और मोहल्लों में गठित स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के माध्यम से महिलाओं में जनाधार बढ़ाने की कोशिशों के तहत यहां की यहां के करीब चार हजार स्वयं सहायता समूहों से संपर्क साधने का अभियान चलाया जा रहा है। हाल ही में भाजपा में शामिल हुईं एवार्ड (एक्शन फॉर वूमेन एंड रूरल डेवलेपमेंट) संस्था की सोनी मिश्रा ने अपने एनजीओ के माध्यम से 900 स्वयं सहायता समूहों से संपर्क साधा है। इन समूहों से जुड़ी सभी जातिवर्ग की करीब 150 महिलाओं ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। यह संख्या तेजी बढ़ाई जाने का दावा किया गया है।


भाजपा और इन समूहों की सूत्रधार बनीं सोनी मिश्रा के अनुसार कानपुर में एक अनुमान के अनुसार करीब चार हजार स्वयं सहायता समूह हैं। वह खुद नौ सौ समूहों के सीधे संपर्क में है। उनके माध्यम से अब तक 150 महिलाओं ने भाजपा की सदस्यता ले भी ली है। वह कहती हैं कि हालांकि एक समूह में न्यूनतम 10 और अधिकतम 20 महिलाएं होती हैं, इस प्रकार नौ सौ में नौ हजार महिलाएं जुड़ी हैं। चार हजार स्वयं सहायता समूहों के हिसाब से गणना करें तो यह संख्या 40 हजार पहुंच जाती हैं। पर सोनी का मानना है कि यह संख्या 70 हजार के करीब बैठेगी।
महिलाओं को भाजपा से जोड़ने के अभियान में लगी सोनी मिश्रा ने बताया कि बस्तियों की महिलाएं भाजपा से जुड़ने में रुचि ले रही हैं। उनका दावा है कि शीघ्र ही परिवर्तन दिखेगा। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मोदी और योगी सरकार पूरी तरह से तत्पर है। महिलाओं के लिए लगभग दो दर्जन योजनाएं प्रभावी तौर पर चलायी जा रही हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 36 प्रतिशत महिलाओं ने वोट दिया था। किसी भी पार्टी को मिले महिलाओं के ये सबसे ज्यादा वोट थे। यह आंकड़ा बढ़ेगा। सोनी ने बताया कि योजनाओं के ही चलते देश में एक करोड़ लखपति दीदी बन चुकी हैं। इनकी संख्या तीन करोड़ तक जल्द ही दिखायी देगी। उनका कहना है कि बीते दस साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने नारी सशक्तिकरण को प्राथमिकता पर रखा है। घर, शौचालय, रसोई गैस जैसी योजनाएं तो महिलाओं के जीवन परिवर्तन का कारण हैं। अब उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सरकार ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन भी शुरू किया है। सोनी मिश्रा का कहना है कि सरकार ने सबसे अधिक ध्यान स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाकर उनसे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं को जोड़ना शुरू किया है। महिलाओं के चेहरे पर आत्मनिर्भरता का भाव देखा जा सकता है। उन्होंने महिलाओं के इंटरव्यू के वीडिओ भी दिखाए।
तुलनात्मक आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए भाजपा नेत्री सोनी मिश्रा ने बताया कि यूपीए सरकार में भी स्वयं सहायता समूहों से जोड़ने की योजना स्वर्ण जयंती ग्राम योजना के नाम से संचालित थी, लेकिन उसका दायरा सीमित था। यूपीए शासन काल में सिर्फ 2.37 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी थीं, जबकि एनडीए सरकार में यह संख्या 10 करोड़ पहुंच चुकी है। तब बैंक लिंकेज मात्र 22.9 हजार करोड़ रुपये का था, जबकि मोदी सरकार ने इसे 8.28 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया। मोदी सरकार ने सिर्फ स्वयं सहायता समूहों और उससे जुड़ी महिलाओं की संख्या ही नहीं बढ़ाई, बल्कि उन्हें आर्थिक-सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध भी कराई। 7.4 करोड़ महिलाओं को पीएम सुरक्षा बीमा योजना से जोड़ा। महिलाओं के सहयोग के लिए बैंकिग सखी और बीसी सखी बनाई गईं। इससे आर्थिक प्रबंधन के परिणाम भी मिले और स्वयं सहायता समूहों ने भाजपा सरकार के प्रति महिलाओं में भरोसा बढ़ाया है।

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