BPSC Paper Leak: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा 13 दिसंबर को राज्यभर में आयोजित (bpsc exam date) की गई। इस परीक्षा में लगभग 4.85 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया। परीक्षा को सुचारु और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए 912 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।
राजधानी पटना के बापू सभागार, जो राज्य का सबसे बड़ा परीक्षा केंद्र है, में छात्रों ने पेपर लीक के आरोप लगाकर हंगामा किया। हालांकि, बीपीएससी ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है और इसे शरारती तत्वों की करतूत बताया है।
परीक्षा का आयोजन और व्यवस्थाएँ (BPSC 70th Exam Paper Leak)
इस परीक्षा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए आयोग ने व्यापक इंतजाम किए थे। पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, पूर्णिया, और पश्चिमी चंपारण समेत सभी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए। पटना जिले में 60 से अधिक परीक्षा केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखी गई।
अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए बारकोड स्कैनिंग प्रक्रिया अपनाई गई। यह नई पहल परीक्षा को पारदर्शी और कदाचार मुक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई।
सभी अभ्यर्थियों को सुबह 9:30 बजे तक परीक्षा केंद्र पर पहुंचने (bpsc exam timing) का निर्देश दिया गया, और प्रवेश प्रक्रिया परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पहले, यानी 11 बजे तक समाप्त कर दी गई। परीक्षा दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक एक ही पाली में आयोजित हुई।
त्रिस्तरीय जांच और जैमर का उपयोग (BPSC 70th CCE)
बीपीएससी ने परीक्षा के दौरान कदाचार रोकने के लिए त्रिस्तरीय जांच की व्यवस्था की। सभी परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए गए ताकि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग को रोका जा सके। परीक्षा के चार अलग-अलग सेट तैयार किए गए थे, और इनमें से किसी एक सेट में परीक्षा आयोजित की गई।
परीक्षा केंद्रों पर निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया था, जहां से सभी केंद्रों की गतिविधियों पर नजर रखी गई। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखने के लिए बिहार पुलिस की साइबर सेल को तैनात किया गया था।
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पेपर लीक के आरोप और आयोग की प्रतिक्रिया (BPSC 70th Exam Paper Leak)
परीक्षा के दौरान दोपहर एक बजे के आसपास सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र लीक होने की खबरें फैलने लगीं। पटना के बापू सभागार में छात्रों ने इन खबरों के आधार पर हंगामा किया। छात्रों का दावा था कि प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने से पहले ही वायरल हो गया था।
हालांकि, बीपीएससी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनु भाई ने इसे शरारती तत्वों की करतूत बताते हुए कहा कि परीक्षा पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई है। उन्होंने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
कदाचार और अफवाह फैलाने पर सख्त नियम
परीक्षा के दौरान कदाचार करते पकड़े जाने पर अभ्यर्थी को न केवल इस परीक्षा (bpsc paper leak news) से, बल्कि आगामी पांच वर्षों तक आयोग की सभी परीक्षाओं से वंचित कर दिया जाएगा। इसके अलावा, अफवाह फैलाने या भ्रामक जानकारी देने पर तीन वर्षों के लिए परीक्षा में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
कानून व्यवस्था और सुरक्षा
परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई। परीक्षा केंद्रों के बाहर धारा 144 लागू की गई, जिससे किसी भी प्रकार के हंगामे या अव्यवस्था को रोका जा सके। परीक्षा केंद्रों के आसपास ट्रैफिक पुलिस को भी तैनात किया गया ताकि यातायात सुचारु बना रहे।
Conclusion
बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा के दौरान पेपर लीक के आरोपों ने विवाद को जन्म दिया, लेकिन आयोग ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए स्पष्ट किया कि परीक्षा पूरी तरह से सुरक्षित और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हुई। परीक्षा के दौरान कदाचार रोकने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आयोग ने जो कदम उठाए, वे सराहनीय हैं।
हालांकि, पेपर लीक के आरोपों की जांच और अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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