निदेशक पर महिला कर्मचारी ने लगाए उत्पीड़न और अनियमितता के आरोप

बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (BSIP) की एक महिला कर्मचारी संध्या सिंह (MTS-III) ने संस्थान के निदेशक प्रो. महेश ठक्कर पर मानसिक उत्पीड़न, अनुचित लाभ मांगने और कार्यालय में अनियमितता बरतने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

संध्या सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रो. महेश ठक्कर के निदेशक पद संभालने के बाद से उन्हें लगातार मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रो. ठक्कर ने उनसे व्यक्तिगत लाभ की मांग की, और जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कदम उठाए गए।

उन्होंने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि संस्थान की डॉ. शिल्पा पांडे को निदेशक का विशेष संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते उन्हें मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) के पद पर बनाए रखा गया, भले ही उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के कई आरोप हों।

सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि संस्थान के अनुसंधान प्रयोगशालाओं में गंभीर शोध कार्यों के बजाय डांस पार्टियां और सोशल मीडिया के लिए रील बनाने का सिलसिला चल रहा है। महिला कर्मचारी ने अपने पत्र के साथ कुछ वीडियो लिंक भी संलग्न किए हैं, जिनमें संस्थान के प्रयोगशालाओं का दुरुपयोग होते देखा जा सकता है।

इसके अलावा, BSIP लखनऊ के निदेशक के निजी सोशल मीडिया अकाउंट (X) से कुछ आपत्तिजनक और यौन टिप्पणी भी सामने आई हैं, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। यह मामला संस्थान की गरिमा पर भी सवाल खड़े कर रहा है।

महिला कर्मचारी का कहना है कि जब उन्होंने इस विषय पर शिकायत दर्ज कराई, तो उसे अनदेखा कर दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी शिकायतों का समाधान नहीं हुआ, तो वे राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से न्याय की गुहार लगाएंगी।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनके साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसके लिए निदेशक और डॉ. शिल्पा पांडे जिम्मेदार होंगे। अंत में, उन्होंने बताया कि वे उत्पीड़न से तंग आकर 12 फरवरी 2025 से लंबी छुट्टी पर जा रही हैं।

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