नया आयकर कानून: मुख्य उद्देश्य
सरकार संसद के बजट सत्र 2025 में एक नया आयकर विधेयक पेश करने की योजना बना रही है।(Budget 2025) यह विधेयक मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 को संशोधित करने के बजाय इसे पूरी तरह से बदलने का प्रयास है। इसका उद्देश्य मौजूदा कानून को सरल, स्पष्ट और समझने योग्य बनाना है।
बजट सत्र का समय
बजट सत्र 31 जनवरी से 4 अप्रैल तक आयोजित होगा। इसका पहला भाग 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा, जिसकी शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने से होगी। केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। सत्र का दूसरा भाग 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा।
आयकर अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 के बजट भाषण में आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी। इसके तहत:
- कानून को संक्षिप्त, स्पष्ट और सरल बनाया जाएगा।
- विवाद और मुकदमेबाजी कम करने पर जोर दिया जाएगा।(Budget 2025)
- करदाताओं को अधिक कर निश्चितता प्रदान की जाएगी।
सीबीडीटी की भूमिका और समीक्षा प्रक्रिया
- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने समीक्षा की देखरेख के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया।
- अधिनियम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए 22 विशेष उप-समितियां बनाई गईं।
- चार मुख्य श्रेणियों में जनता से सुझाव मांगे गए:
- भाषा का सरलीकरण
- मुकदमेबाजी में कमी
- अनुपालन में कमी
- अप्रचलित प्रावधानों को हटाना
प्राप्त सुझाव और संभावित बदलाव
- आयकर विभाग को समीक्षा के लिए 6,500 सुझाव प्राप्त हुए।
- मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 में 298 धाराएं और 23 अध्याय हैं।
- सरकार का लक्ष्य इन धाराओं और अध्यायों को लगभग 60% तक कम करना है।
- अप्रचलित प्रावधानों को हटाने पर जोर दिया जाएगा।
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नए कानून के लाभ
- अधिनियम को पढ़ने और समझने में आसानी होगी।
- विवाद और मुकदमेबाजी में कमी आएगी।
- करदाताओं को कर प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और निश्चितता मिलेगी।
संभावित समयसीमा
नया आयकर विधेयक बजट सत्र के दूसरे भाग में संसद में पेश किया जा सकता है। विधेयक के मसौदे पर फिलहाल विधि मंत्रालय विचार कर रहा है।
सरकार का यह कदम भारत के कर ढांचे को सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।