8 जुलाई को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव होने हैं. चुनाव से पहले ही नामांकन की प्रक्रिया के दौरान राज्य में जगह-जगह हिंसा की घटनाएं देखने को मिली. अब मामले का संज्ञान लेते हुए कोलकाता हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
News Jungal Desk: कोलकाता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायत चुनाव से पहले नामांकन के दौरान हुई हिंसा के मामलों में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के भानगड़ में नामांकन की प्रक्रिया के दौरान बम तक फेंके गए जिससे कई लोग घायल हुए थे. हिंसा के दौरान कुल चार लोगों की मौत भी हुई. यहां नित्य लगातार हिंसा की घटनाएं सामने आई थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी इसे भाजपा की साजिश करार दे चुकी हैं. वहीं, भाजपा का कहना है कि राज्य की सत्ता संभाले बैठी टीएमसी के ईशारे पर यह हिंसक घटनाएं हो रही हैं. बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होने हैं.
जस्टिस अमृता सिन्हा की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘अगर इस तरह खून बहाना जारी रहता है तो पंचायत चुनाव को रोक दिया जाना चाहए.’ उन्होंने पूछा कि काफी हिंसा देखने को मिल रही है. कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही हैं. ऐसे में राज्य चुनाव आयोग क्या कर रहा है? कोलकाता हाई कोर्ट एक चुनाव प्रत्याशी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. याचिका में कहा गया था कि उनका नाम लिस्ट से गायब कर दिया गया है.
चुनावों में होगी केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती
पेश मामले में राज्य चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि पंचायत चुनाव के दौरान केंद्र सरकार से चुनावों के लिए सुरक्षा बलों की 22 कंपनियों की मांग की गई है. बताया गया कि संवेदनशील इलाकों में इन कंपनियों को लगाया जाएगा. हाई कोर्ट ने इसपर कहा कि केवल संवेदनशील इलाकों में ही नहीं बल्कि हर जिले हर इलाके में केंद्रीय बलों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान किया जाना चाहिए. पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव होने हैं. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह राज्य में आखिरी इलेक्शन हैं. ऐसे में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस इन चुनावों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है.
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