मनीष सिसोदिया के PA देवेंद्र से CBI की पूछताछ, इतने सारे मोबाइल-सिम खरीदने का राज उगलाने की कोशिशें जारी..

Delhi Excise Policy Scam: आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 की आबकारी नीति से उद्यमियों को सांठगांठ करने का अवसर दिया गया तथा कुछ डीलरों को इसके द्वारा अनुचित लाभ पहुंचाया गया जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर मनीष सिसोदिया को घूस दी.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2021-22, जो कि अब रद्द की जा चुकी है, आबकारी नीति के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के निजी सहायक देवेंद्र शर्मा से मंगलवार को पूछताछ की. आरोप है कि देवेंद्र शर्मा ने मनीष सिसोदिया के कहने पर ही अपने खर्चे से मोबाइल फोन खरीदे थे जिनका इस्तेमाल मनीष सिसोदिया द्वारा किया गया था.

अधिकारियों ने बताया कि शर्मा उर्फ रिंकू को सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया था जहां सुबह से भ्रष्टाचार रोधी शाखा के अधिकारियों ने उनसे विस्तार से पूछताछ की. उन्होंने बताया कि एजेंसी ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और यहां सीबीआई की एक विशेष अदालत ने उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा है.

मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस में ईडी ने की मनीष सिसोदिया से पूछताछ
उन्होंने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को भी तिहाड़ जेल में सिसोदिया से पूछताछ की. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने इस मामले में सोमवार को एक और गिरफ्तारी की है. उसने सोमवार की शाम को हैदराबाद के शराब कारोबारी अरुण रामचंद्र पिल्लई को मामले से जुड़े होने पर हिरासत में लिया है. ईडी के अधिकारी धन शोधन रोकथाम कानून के तहत सिसोदिया का बयान को दर्ज करने के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे थे.

आबकारी विभाग के प्रभारी रहे मनीष सिसोदिया सिसोदिया को पिछले साल 25 नवंबर को दर्ज मामले में आरोपपत्र में आरोपी नहीं बनाया गया था. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने आरोपपत्र में सिसोदिया को नामजद नहीं किया था क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसी उनके तथा अन्य संदिग्धों और अन्य आरोपियों के खिलाफ तब जांच कर रही थी.

ऐसा आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 की आबकारी नीति से उद्यमियों को सांठगांठ करने का अवसर दिया गया तथा कुछ डीलरों को इसके द्वारा अनुचित लाभ पहुंचाया गया जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर घूस दी थी. बहरहाल, आम आदमी पार्टी (आप) ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया है और बाद में यह नीति रद्द कर दी गयी। बाद में दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की.

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