दिल्ली की केजरीवाल सरकार शुक्रवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया है कि केंद्र सचिव का ट्रांसफर नहीं कर रहा है ।
News Jungal Desk : अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग मामले पर फैसला आने के बाद दिल्ली सरकार एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। और सुप्रीम कोर्ट के सामने सर्विसेज विभाग के सचिव के ट्रांसफर का मुद्दा उठाया गया है । और शुक्रवार को केजरीवाल सरकार ने आरोप लगाया है कि केंद्र अधिकारियों का ट्रांसफर नहीं करने दे रहा है । और दिल्ली सरकार ने CJI के समक्ष बोला कि केंद्र दिल्ली सरकार के सर्विसेज विभाग के सचिव का ट्रांसफर नहीं कर रहा है । और वहीं सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गया है । सीजेआई ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वो अगले हफ्ते बेंच का गठन करेंगे ।
आप को बता दें कि बीते 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि अधिकारियों की पोस्टिंग व ट्रांसफर का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा और इसके बाद केजरीवाल सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अपने विभाग के सचिव बदल दिया है । और दिल्ली सरकार के सर्विसेज विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सेवा सचिव बदलवे का आदेश जारी कर दिया है । इसमें आशीष मोरे सो सर्विसेज सचिव पद से हटाया गया है । उनकी जगह पर अनिल कुमार सिंह को सर्विसेज के नए सचिव बनाए गए हैं। वह 1995 के आईएएस अधिकारी हैं और जल बोर्ड के सीईओ भी रह चुके हैं ।
इसी ट्रांसफर पर एक बार फिर दिल्ली में टकराव देखने को मिला है । यह टकराव उस वक्त सामने आया, जब उससे कुछ देर पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करा था । आशीष मोरे के ट्रांसफर को एलजी दफ्तर की तरफ से अवैध बताया गया. दिल्ली एलजी सचिवालय और सेवा विभाग के सूत्रों ने दावा किया है कि सचिव सेवा का ट्रांसफर अवैध, मनमाना और निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन किये बिना है. सूत्रों ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आधिकारिक प्रति आने से पहले मंत्री के आदेश आ गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए स्पष्ट रूप से कहा था कि पुलिस, पब्लिक ऑर्डर और लैंड का अधिकार केंद्र के पास ही रहेगा ।
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