पूर्वी लद्दाख में तीन साल से सीमा गतिरोध जारी है. इस गतिरोध के बीच अब सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने टिप्पणी की है कि चीन (China) से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति स्थिर है. लेकिन पूरे मामले पर करीबी नजर रखने की जरूरत है. जनरल पांडे ने कहा कि जब तक समाधान नहीं हो जाता, सैनिकों की तैनाती और सतर्कता उच्च स्तर पर बनी रहेगी ।
News jungal desk : पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा पर गत 3 साल से गतिरोध कायम है । और भारत के साथ चीन ने भी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर रखी है । और इस गतिरोध के बीच भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे का कहना है कि LAC पर वर्तमान में हालात स्थिति हैं और शांति कायम है । लेकिन पूरे मामले पर करीबी नजर रखने की जरूरत है । और उन्होंने बोला कि फिलहाल चीन सीमा पर सैनिकों की संख्या कम नहीं करी जाएगी । और जनरल पांडे ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में बोला कि भारतीय सेना ने एलएसी के नजदीक सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है और किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार भी है ।
उन्होंने बोला , ‘कुल मिलाकर, मैं कहना चाहता हूं कि एलएसी पर हालात स्थिर हैं, लेकिन हमें पूरे घटनाक्रम पर करीब से नजर रखने की जरूरत है.’ जनरल मनोज पांडे ने बोला कि जहां तक पड़ोसी देश द्वारा सैनिकों की तैनाती का सवाल है, तो उसमें भी कोई कमी नहीं आई है । और पड़ोसी देश का (चीन) अपनी सेना के आधुनिकीकरण पर विशेष जोर है । और खासतौर पर एलएसी के निकट तैनाती के संदर्भ में. भारतीय सेना भी आधुनिकरण के दौर से गुजर रही है और हम हर स्तर पर नई तकनीक को तेजी से अपना रहे हैं । और उन्होंने कहा कि हम पूर्वी लद्दाख में लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए चीन के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं ।
थल सेनाध्यक्ष ने बोला कि जब तक समाधान नहीं हो जाता, सैनिकों की तैनाती और सतर्कता उच्च स्तर पर बनी रहेगी । और सेना प्रमुख ने आशा व्यक्त करी कि चीन के साथ कूटनीतिक और सैन्य वार्ता से पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक रूप से स्थित डेपसांग मैदानों और डेमचोक में शेष “टकराव” वाले बिंदुओं का समाधान हो जाएगा । और उन्होंने कहा कि बातचीत और एक-दूसरे से बात करके ही हम कोई समाधान निकाल सकते हैं । और टकराव प्वाइंट पर हमारा उद्देश्य और प्रयास यही है कि जब तक ऐसा होता है, तब तक हमारे बलों की तैनाती, सतर्कता का स्तर उच्च स्तर पर बना रहेगा ।
पाकिस्तानी घुसपैठ पर जनरल पांडे ने बोला कि 778 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ रोकने को सेना मजबूती के साथ डटी हुई है । लेकिन पाकिस्तान के मौजूदा आतंकी बुनियादी ढांचे में कोई बड़ी कमी नहीं आई है । ड्रोन का प्रयोग आर्म्स और ड्रग्स गिराने के मामलों में वृद्धि देखी गई है । लेकिन सेना के ‘मजबूत’ काउंटर-घुसपैठ ग्रिड, अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) के प्रयासों के कारण एलओसी पर घुसपैठ कम हुई है।
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