मणिपुर के मुख्यमंत्री N. Biren Singh और उनके मंत्रिमंडल के चार सदस्य दिल्ली के लिए रवाना हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से होगी मुलाकात
News Jungal Desk : मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और उनके मंत्रिमंडल के चार सदस्य रविवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करके पिछले कई दिनों से हिंसा से प्रभावित इस पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर चर्चा करेंगे। एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
सूत्र ने बताया कि उग्रवादी संगठनों के साथ चल रहे ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ)’ के मुद्दे पर भी चर्चा होने की संभावना है। हाल में मेइती और आदिवासी समुदायों के बीच हुई है । हिंसा के मद्देनजर मणिपुर के चिन-कुकी-मिजो-जोमी समूह से संबंध रखने वाले 10 आदिवासी विधायकों ने अपने क्षेत्र के लिए “अलग प्रशासन” की मांग करी है । जिसके बाद मुख्यमंत्री दिल्ली रवाना हुए हैं।
इन 10 विधायकों में से सात विधायक भाजपा, दो कुकी पीपुल्स अलायंस (केपीए) और एक निर्दलीय विधायक है। केपीए और निर्दलीय विधायक भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हैं। और चार कैबिनेट मंत्री- टी. बिस्वजीत, वाई खेमचंद, के. गोविंददास और टी. प्रशांत मुख्यमंत्री के साथ हैं।
सूत्र ने बताया कि उनके साथ दिल्ली जाने वालों में भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष ए. शारदा देवी भी शामिल हैं। और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को 10 पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद पूर्वोत्तर राज्य में हिंसक झड़पें हुईं थीं। और आरक्षित वन भूमि से कूकी ग्रामीणों को बेदखल करने के बाद कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए है । जिसके बाद झड़पें हुईं है ।
मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय समुदायों नगा और कुकी समेत अन्य की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा था कि पूर्वोत्तर राज्य में पिछले कुछ दिन से जारी जातीय हिंसा में 60 लोग मारे गए, 231 घायल हुए और धार्मिक स्थलों सहित 1,700 घर जला दिए गए।
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