माफिया अतीक ने ISI और लश्कर-ए-तैयबा से संबंध की कबूली बात!

उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस द्वारा तैयार की गई चार्जशीट के अनुसार माफिया अतीक का संबंध आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से हैं जो उसे हथियारों देते हैं।

News Jungal Desk: माफिया से नेता बने अतीक अहमद के दिन काफी बुरे हो गए हैं। उम्र कैद की सजा के बाद उसके बेटे का आज एनकाउंटर हो गया। इसी के साथ यह भी खबर सामने आ रही है कि माफिया अतीक का संबंध आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों से भी हैं, जो उसे हथियारों की सप्लाई करते रहे हैं। उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस द्वारा तैयार की गई चार्जशीट के अनुसार, माफिया अतीक अहमद ने खुद इस बात को स्वीकार किया है।

उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस ने प्रयागराज के CJM कोर्ट में गुरुवार को अतीक और अशरफ को पेश किया गया। दोनों पर प्रकरण की साजिश रचने का आरोप है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अतीक अशरफ को 4 दिन (13 अप्रैल से 17 अप्रैल तक) की पुलिस कस्टडी में भेजा है।

मेरे पास पर्याप्त हथियार- अतीक

सुनवाई के दौरान पुलिस ने तैयार चार्जशीट जज के सामने प्रस्तुत की। चार्जशीट में दर्ज बयान में अतीक अहमद ने कहा, ‘…मेरे पास हथियारों की कोई कमी नहीं है क्योंकि पाकिस्तान की आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से मेरे अच्छे संबंध हैं। पाकिस्तान से हथियार ड्रोन की मदद से पंजाब सीमा पर गिराए जाते हैं और लोकल कनेक्शन उन्हें एकत्र करते हैं। इसी खेप से जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को हथियार मिल जाते हैं। यदि आप मुझे अपने साथ ले जाएं, तो मैं घटना में उपयोग किए गए उस धन, हथियार और गोला-बारूद को बरामद करने में आपकी पूरी सहायता कर सकता हूं’।

आज ही मारा गया अतीक का बेटा असद

गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड में वांछित चल रहे आरोपी असद अहमद और उसके साथी गुलाम को यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को झांसी में एनकाउंटर में मार गिराया गया। दोनों पर 5-5 लाख का इनाम था। पुलिस को उनके पास से विदेशी हथियार मिले। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने असद एनकाउंटर की घटना के तुरंत बाद ही कानून व्यवस्था पर एक हाई लेवल मीटिंग की। मीटिंग में मुख्यमंत्री ने एनकाउंटर में शामिल 12 सदस्यीय STF की टीम की प्रशंसा की। बता दें कि बीते 28 मार्च एमपी एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा सुनाई है।

उमेश पाल की हत्या के बाद अतीक अहमद समेत पूरा परिवार संदेह के घेरे में आ गया था। अतीक अहमद पर सौ से ज्यादा मामले दर्ज हैं, लेकिन उसे पहली बार सजा उमेश पाल के अपहरण मामले में हुई है।

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