भारत को ‘भारत’ लिखने पर कांग्रेस को हुई आपत्ति, BJP ने पूछा- फिर भारत जोड़ों यात्रा क्यों ?

कांग्रेस नेता जयराम रमेश के एक इंडिया वाले ट्वीट के बाद देश भर में Bharat Vs India की जंग छिड़ गई. सत्ता पक्ष व विपक्षी नेताओं की क्रिया- प्रतिक्रिया आना शुरू हो गईं. साथ ही इतिहास के उन पन्नों को भी कुरेदा जाने लगा है जिसमें देश का नाम भारत और इंडिया होने का जिक्र किया गया है.

News Jungal Desk : भारत और इंडिया को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। केन्द्र सरकार अब भारत का नाम बदलकर इंडिया रखना चाहती है । इस पर कांग्रेस को आपत्ति जताई है । लेकिन नाम बदला जायेगा की नही इसमें कितनी सच्चाई है बता पाना मुश्किल है । दरअसल, 9-10 सितंबर को राजधानी दिल्ली में G-20 सम्मेलन G-20 Summit का आयोजन होना है. इसी के चलते राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को एक रात्रिभोज का आयोजन होना है. जिसको लेकर निमंत्रण पत्र छपवाए गए. लेकिन यह निमंत्रण पत्र हमेशा छपने वाले आमंत्रण कार्ड से अलग था. अंतर इतना था कि पहले जहां राष्ट्रपति भवन से जारी होने वाले किसी भी पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ लिखा होता था, वहीं G-20 सम्मेलन को लेकर राष्ट्रपति भवन ने अतिथियों को जो निमंत्रण पत्र भेजा गया था, उसमे लिखा था “प्रेसिडेंट ऑफ भारत”.

निमंत्रण कांग्रेस नेता जयराम रमेश के हाथों लगा, बस यही से देश में ‘भारत बनाम इंडिया’ की लड़ाई शुरू हो गई.

जयराम रमेश ने निमंत्रण पत्र को लेकर अपने एक ट्वीट में लिखा…’तो ये खबर वाकई सच है. राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को G20 रात्रिभोज के लिए भेजे गए निमंत्रण पत्र में ”President of India’ के बजाय ‘President of Bharat’ लिखा गया है. आगे उन्होंने लिखा देश के संविधान में अनुच्छेद 1 यह पढ़ा जा सकता है कि “भारत, जो इंडिया है वह राज्यों का एक संघ होगा” लेकिन अब इस “राज्यों के संघ” पर भी हमला हो रहा है.कांग्रेस नेता जयराम रमेश के इस बयान के बाद देश भर में Bharat Vs India की जंग छिड़ गई.

संविधान के अनुसार देश का नाम

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 देश के नाम का जिक्र है. जिसमे लिखा है कि ‘इंडिया दैट इज भारत’. मतलब हमारे देश का नाम इंडिया और भारत दोनों होगा. संविधान सभा में अनुच्छेद 1 को लेकर चार दिनों तक चर्चा चली. जिसके बाद 18 सितंबर 1949 को देश का नाम भारत और इंडिया रखने पर सहमति बन गई .

इंडिया शब्द की उत्पत्ति कब हुई

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब अलेक्जेंडर जल मार्ग से भारत आया तो वह सबसे पहले सिंधु नदी के किनारे उतरा. चूंकी, अलेक्जेंडर अग्रेज था और वह हिंदी शब्दों का उच्चारण सही से नहीं कर पाता था. इसलिए उसने सिंधु नदी को INDU लिखा. इतिहासकारों का मानना है कि सिंधु से INDU और फिर इस शब्द का अपभ्रंश होते-होते INDIA कहा जाने लगा. इतिहास के जानकारों का मानना है कि इंडिया शब्द का उदय सिंधु नदी से हुआ है. क्योंकि सिंधु नदी को इंडस वैली कहा जाता था. इसी सिंधु नदी के किनारे सिंधु घाटी सभ्यता पनपी. जब अग्रेज यहां पहुंचे तो उन्होंने इंडस वैली के नाम के आधार पर हिंदुस्तान को इंडिया कहकर संबोधित किया.

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