Opposition Party Meeting in Bengaluru: विपक्षी दल अपनी एकजुटता दिखाने के लिए दूसरी बार मीटिंग कर रहे हैं. बेंगलुरु मीटिंग में उनका मकसद केंद्र में सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ एकजुटता को दिखाना है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर सबका ध्यान केंद्रित है.
News Jungal Desk: बेंगलुरु में जारी विपक्षी दलों की बैठक के दौरान केंद्र में सत्ताधारी पार्टी भाजपा को घेरने के लिए सभी पार्टियां एकजुट हो चुकी हैं. इस दौरान कई मुद्दों पर सबकी सहमति बनती दिख रही है. बताया जा रहा है कि विपक्ष में सबसे बड़ा दल कांग्रेस अन्य पार्टियों की मांगों को मानने के लिए तैयार हो गया है. हालांकि वह इस गठजोड़ के अध्यक्ष पद को अपने पास ही रखना चाहता है. विपक्षी पार्टियों के इस गठजोड़ का नाम यूपीए बरकरार रहे या कोई और नाम रखा जाए, ये फैसला कांग्रेस ने बाकी विपक्षी दलों पर छोड़ दिया है.
मीटिंग के दौरान कहा गया कि गठजोड़ का चेयरमैन कांग्रेस से ही हो, क्योंकि वह गठबंधन में सबसे बड़ा दल है. सोनिया के नाम पर किसी को कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए, वे पीएम पद की दावेदार नहीं हैं. विपक्षी दलों की असहमति या सोनिया गांधी की अनिच्छा की सूरत में कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी आगे कर सकती है. पिछली बार कुछ दलों ने नीतीश को गठबंधन का संयोजक बनाने का प्रस्ताव आया था, इसकी सभी दल अगर जरूरत समझेंगे तो कांग्रेस को कोई ऐतराज नहीं होगा. साथ ही यह भी बताया गया कि इस मीटिंग में सभी मसलों पर चर्चा होगी. जिनपर सहमति बन जाएगी उनपर तुरंत ही मुहर लगा दी जाएगी और जिनपर कुछ असहमति होगी उनको आगे चर्चा करके तय किया जाएगा.
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