धनतेरस यानि धन्वंतरि जयंती के दिन तीन औषधियां आंवला, हरड़ और बहेड़ा का सेवन जरूर करना चाहिए. इन तीनों के मिश्रण से बना त्रिफला आजकल बाजार में मिलता है.
News jungal desk: धनतेरस का त्यौहार सिर्फ मां लक्ष्मी की कृपा पाने और धन-संपदा की कामना पूर्ति के लिए नहीं होता, बल्कि आज का दिन धन्वंतरि जयंती यानि धनतेरस उत्तम स्वास्थ्य और निरोग रहने के लिए प्रार्थना और आराधना का है. इस दिन भगवान विष्णु के अवतार आयुर्वेद और आरोग्य के देवता धन्वंतरि का पूजन करने का विधान है. इतना ही नहीं शास्त्रों के अनुसार आयुर्वेद की तीन ऐसी दिव्य औषधियां हैं, जिनका सेवन आज के दिन सभी को जरूर करना चाहिए.
शास्त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन इन तीन औषधियों के सेवन से न केवल शरीर का शोधन होता है बल्कि दिवाली सहित आने वाले त्यौहारों पर खाए जाने वाले पकवानों, ठंड के मौसम का भी शरीर पर कोई खराब प्रभाव नहीं पड़ता और सेहत दुरुस्त रहती है. ये तीन ऐसी औषधियां हैं जिनके बारे में आमतौर पर सभी लोग जानते भी हैं.
कहा जाता है कि धन्वंतरि के हाथ में तीन दिव्य औषधियां हैं, आंवला, Gooseberry,हरड़ और बहेड़ा. ये तीनों चीजों को मिलाकर बनता है त्रिफला चूर्ण . तीनों औषधियों का यह मिश्रण इतना कारगर है कि अगर इसे खा लिया जाए तो शरीर में सभी रोगों से लड़ने की क्षमताआ जाती है. अगर इसके पानी से आंखें धो ली जाएं तो आंखों में किसी भी प्रकार के संक्रमण का असर नहीं होता.
समुद्र मंथन के दौरान धनतेरस के दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि हाथ में कलश और चार भुजाओं के साथ अवतरित हुए थे. शास्त्रों के अनुसार उनके एक हाथ में 3 औषधियां विराजमान हैं और ये आंवला, बहेड़ा और हरड़ हैं. आयुर्वेद में इन तीनों का विशेष महत्व है. वहीं इस मौसम की शुरुआत में इनका सेवन करना अत्यंत लाभदायक है.
कैसे करें सेवन
कहा जाता है कि धनतेरस के दिन त्रिफला जरूर खरीदना चाहिए या फिर आंवला, हरड़ और बहेड़ा सुखाकर, कूटकर, पीसकर और बारीक कपड़े में छानकर चूर्ण तैयार करना चाहिए. धनतेरस के दिन सुबह धन्वंतरि भगवान का स्मरण कर पानी के साथ त्रिफला को फाक लें . या फिर शाम को इन तीनों चीजों का पूजन कर पानी में गलाकर, छानकर पीना चाहिए. ऐसा करने से शरीर को रोगों से लड़ने के लिए शक्ति मिलती है और शरीर में कोई बीमारी नहीं होती
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