सीखने और सिखाने के लिए तनावमुक्त वातावरण जरूरी वाराणसी | स्कूलों में तनावमुक्त और प्रेममय वातावरण को विकसित करने के लिए सरनाथ गाँधी आश्रम के पास स्थित श्री रामचंद्र मिशन, हार्टफुलनेस संस्थान के वैश्विक ध्यान केंद्र में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई |
शिक्षाविद एवं स्कूल कनेक्ट उत्तर प्रदेश की समन्वयक अंजू श्रीवास्तव ने बताया कि प्रेम सहजता और सरलता से सीखने और सिखाने का अवसर प्रदान करता है | ऐसे महौल में अगर बच्चों को रखा जाए तो उनका सर्वांगीण विकास होता है | ऐसे बच्चे मानसिक के साथ भवनात्मक रूप से भी मजबूत होते हैं | असफलता से वे हताश नहीं होते हैं | हृदय उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है |
स्कूलों में तनावमुक्त रहने के लिए होने वाले हेल्प प्रोग्राम
स्कूलों में प्रेम और करुणामय वातावरण को विकसित करने के लिए टीचर्स के लिए इंस्पायर और हार्ट प्रोग्राम है | क्लास 10 से 12वीं तक के बच्चों के लिए हेल्प प्रोग्राम है |
इन कार्यकमों के माध्यम से टीचर्स और छात्र छात्राओं को शरीर और मन की शांति के लिए शिथिलीकरण, ध्यान तकनीक, भावनात्मक बोझ एवं अनुपयोगी विचारों से छुटकारा पाने के लिए सफाई और प्रार्थना के माध्य से म उच्च स्व: (आत्मा) से जुड़े रहने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है | जहां पर नियमित ध्यान होता है स्वत: वहां पर प्रेम और करुणा महौल विकसित होने लगता है |
प्रशिक्षक ने बताया तनावमुक्त होने का उपाय
प्रशिक्षक ज्योति मिश्रा ने बताया की क्लास एक से लेकर 9वीं तक के बच्चों के लिए डब्लूएचओ के नौ जीवन मूल्यों पर आधारित हार्टफुलनेस पाठ्यक्रम कई स्कूलों में संचालित | यह पाठ्यक्रम बच्चों में जीवन मूल्यों को गाढ़ने में मदद करता है | केंद्र की जोनल समन्वय माया सिंह ने बताया कि हार्टफुलनेस एक गैरलाभकारी संस्था है |
इस कार्यशाला में स्थानीय और आसपास के जिलों से आए 90 भाई बहनों को प्रशिक्षित किया गया है | हम सभी स्कूल में जाकर ध्यान का निःशुल्क और प्रशिक्षण देंगे | बैंक से रिटायर्ड मैनेजर अमरीश श्रीवास्तव, डॉ. प्रसन्न कुमार और गोपाल जी मौर उपस्थित रहे |