बंगाल की खाड़ी से उठ रहा मोचा चक्रवात शुक्रवार यानी 12 मई तक रफ्तार पकड़ सकता है. इसके चलते 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं हवाएं.
News Jungal Desk : इस साल के पहले चक्रवात मोचा को लेकर देश के कई राज्य अलर्ट मोड पर हैं । और मौसम विभाग भी इसे खतरनाक बता रहा है । और इसी कड़ी में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के प्रमुख डॉ एम महापात्रा ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में उठने वाला तूफान समुद्र के ऊपर 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ एक बहुत ही गंभीर चक्रवात में बदल सकता है । और चक्रवात के मौसम की शुरुआत का संकेत देते हुए, मौसम विभाग ने सोमवार को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में एक कम दबाव प्रणाली के गठन की पुष्टि की है ।
इस सिस्टम के 9 मई को एक ‘दबाव’ में बदलने और 10 मई की रात के दौरान चक्रवाती तूफान के धीरे-धीरे तेज होने की उम्मीद है , IMD प्रमुख ने कहा कि मोचा के 11 मई तक उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ने की संभावना है । 11 मई को मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 120 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है इसके बाद, मोचा की दिशा बदल जाएगी और उत्तर-पूर्वोत्तर की ओर बढ़ना शुरू कर देगी। इसके चलते मोचा बांग्लादेश-म्यांमार तट के पास पहुंच जाएगा ।
हालांकि, यह बांग्लादेश तट की ओर बढ़ते हुए और खतरनाक होता जाएगा. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को पहले ही अलर्ट पर रखा गया है. क्योंकि चक्रवात के वर्तमान ट्रैक के द्वीपों के बहुत करीब होने का अनुमान है । और मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के दौरान कुछ क्षेत्रों में 20 सेमी से अधिक ‘बेहद भारी’ बारिश की चेतावनी दिया है. जैसे-जैसे सिस्टम मजबूत होगा, बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर के ऊपर समुद्र की स्थिति भी खराब होने की संभावना है ।
आईएमडी ने आने वाले दिनों में किसी भी तरह की समुद्री गतिविधियों के लिए जोखिम पैदा करते हुए समुद्रों के लिए चेतावनी जारी की है. मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है. 12 मई को 60-70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं अंडमान सागर और अंडमान द्वीप समूह को प्रभावित कर सकती हैं. जबकि चक्रवात के चलते वे 80-90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी में हवा की स्पीड 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती हैं.
वहीं उत्तर भारत में मौसम अभी भी हैरान किये हुए है. मई महीने का एक सप्ताह बीत चुका है. लेकिन उत्तर-भारत के अधिकांश राज्यों में तापमान 40 डिग्री से नीचे हैं. जबकि इन राज्यों में मई के महीने में तापमान जला देने वाला होता है. वहीं पहाड़ी राज्यों में बारिश जारी है. दिल्ली में 3 मई को न्यूनतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस तक गिरने के साथ चार दशकों में सबसे ठंडी रात दर्ज की गई थी. भारत के मौसम विभाग के प्रमुख ने कहा, “निश्चित रूप से, यह असामान्य है.” “तापमान पूरे सप्ताह के लिए सामान्य से नीचे रहा है। मई में इस तरह के मौसम की निश्चित रूप से उम्मीद नहीं है.”
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