UPSC Student Case

Deepak Kumar Meena: राजस्थान से दिल्ली आकर UPSC की तैयारी कर रहे दीपक कुमार मीणा का संदिग्ध हालात में शव मिला !

Deepak Kumar Meena: दिल्ली के मुखर्जी नगर में यूपीएससी की तैयारी कर रहे 21 वर्षीय दीपक कुमार मीणा का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। दीपक राजस्थान के दौसा जिले से थे और पिछले दस दिन से लापता थे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आत्महत्या समेत अन्य एंगल पर भी विचार कर रही है।

यूपीएससी में प्री क्लियर करके मेंस की तैयारी कर रहे एक 21 वर्षीय छात्र का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मुखर्जी नगर (delhi crime news)इलाके में मिला है। मृतक की पहचान दीपक कुमार मीणा के तौर पर हुई है। वह पिछले दस दिन से मुखर्जी नगर इलाके से लापता थे। परिवार और पुलिस संभावित ठिकानों पर तलाश करते रहे |

Mukherjee Nagar News

लेकिन शुक्रवार को दीपक का शव उस इंस्टिट्यूट की लाइब्रेरी से कुछ ही दूरी पर झाड़ियों में मिला, जहां से दीपक तैयारी कर रहे थे। शव मिलने के तुरंत बाद मुखर्जी नगर थाने की पुलिस ने फरेंसिक टीम को मौके पे बुलाया। शव क पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया।

पुलिस आत्महत्या और अन्य एंगल को ध्यान (Suicide Or Foul Play?) में रखकर जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मृतक दीपक के पास से कोई स्यूसाइड नोट नहीं मिला है। घटनास्थल से लेकर उनके रूम तक हर जगह छानबीन कर ली है।

राजस्थान से दिल्ली तैयारी करने आया था छात्र (UPSC Student Case)

पुलिस सूत्रों और परिजनों के मुताबिक, दीपक मूलरूप से राजस्थान के जिला दौसा के गांव बालिन के रहने वाले थे। दीपक की पारिवारिक पृष्ठभूमि किसान की है। गांव में दीपक के परिवार में पिता चंदूलाल मीना, मां, दो बड़े भाई राकेश और दौलत और दो बहनें हैं। बेटे की मौत से निराश पिता चंदूलाल ने बताया कि दीपक ने यूपीएससी का ऑनलाइन कोर्स लेकर जयपुर में रहकर इसी साल प्री क्लियर किया था।

Suicide Or Foul Play

जब प्री क्लियर हुआ तो उसी इंस्टिट्यूट ने मेंस की तैयारी के लिए दिल्ली बुला लिया। उनका बेटा दीपक (Deepak Kumar Meena) पहली बार जुलाई महीने में दिल्ली के मुखर्जी नगर में आया था। वहां पीजी में रहकर तैयारी कर रहा था। पूरे दिन पढ़ाई के शेड्यूल के बाद वह रोज रात को करीब 8 बजे घर पर बात करता था।

परिवार ने दर्ज कराई मिसिंग कंप्लेंट (Mukherjee Nagar News)

पिता चंदूलाल के मुताबिक, आखिरी बार दीपक से उनकी 10 सितंबर को रात 8 बजे बात हुई थी। इसके बाद 11, 12 सितंबर को दीपक का फोन नहीं आया तो चिंता हुई। 13 सितंबर को उन्होंने फोन मिलाया तो दीपक का नंबर स्विच ऑफ था। जिसके बाद गांव के आठ-दस लोग दिल्ली आए। सबसे पहले मुखर्जी नगर पीजी पहुंचे।

जहां दो रूममेट ने बताया कि वह 11 तारीख को 11 बजे के बाद से नहीं आया। जिसके बाद परिजनों ने दीपक को आसपास खोजा। इंस्टिट्यूट में भी पता किया। लेकिन, कोई जानकारी नहीं मिली। पिता चंदू लाल ने 14 तारीख को मुखर्जी नगर थाने पहुंचकर बेटे दीपक कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने की कंप्लेंट दी। पुलिस ने मिसिंग कंप्लेंट दर्ज की।

छात्र ने यूपीएससी में प्री क्लियर किया था (Deepak Kumar Meena News)

तब से परिजन अपने लेवल पर हर रोज दिल्ली के हर संभावित जगहों पर 15 से 20 किलोमीटर पैदल चलकर खोज रहे थे। कैमरे की फुटेज भी चेक कराईं। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पतालों में खोजा। शुक्रवार को उसी इंस्टिट्यूट की लाइब्रेरी से कुछ ही दूरी पर झाड़ियों में दीपक का शव मिला।

Deepak Kumar Meena

पिता का कहना है कि जब दीपक ने प्री क्लियर किया था, पूरे गांव में खुशियां मनी थीं। क्योंकि दीपक गांव का ऐसा होनहार था, जिसने पहली बार यूपीएससी में प्री क्लियर किया। परिवार का आरोप कोचिंग इंस्टिट्यूट पर भी है, कि अगर कोई छात्र क्लास में नहीं आ रहा है तो उनकी तरफ से परिवार को सूचना देनी चाहिए थी। न ही कोई रिकॉर्ड उनके पास था कि वह कितने बजे आया, कितने बजे गया। परिवार ने स्यूसाइड की थ्योरी पर शक जताया है।

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