News jungal desk : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी दो दिनों के लिए अपने पैतृक गांव अल्मोड़ा पहुंचे हैं। इस दौरान वह अपनी पत्नी साक्षी के साथ गंगनाथ मंदिर, गोलू देवता, देवी माता और नरसिंह मंदिर में पूजा अर्चना की और वनडे विश्वकप में भारतीय टीम की जीत की प्रार्थना की। धोनी करीब 20 साल बाद बुधवार को अपने पैतृक गांव ल्वाली पहुंचे। उन्हें देखकर लोगों की खुशियां दोगुनी हो गई। धोनी ने गांव के बुजुर्गों से आशीर्वाद लेते व युवाओं और बच्चों को क्रिकेट के टिप्स देते हुए करीब ढाई घंटे गांव में बिताए।
सेल्फी के लिए लगी होड़
भैया दूज पर गांव पहुंचे धोनी को देखकर लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गांव की बहनों और बुजुर्गों ने माही के सिर पर च्यूड़े (चावल) रखकर उनके सुखद व लंबी उम्र की कामना की। इस दौरान ग्रामीणों ने उनके साथ में सेल्फी ली। माही और साक्षी ने अपनों से मिलकर उनका कुशलक्षेम जाना।
युवाओं ने सीखा हेलीकॉप्टर शॉट
युवाओं ने माही से काफी देर तक क्रिकेट के गुर सीखे। इस दौरान हेलीकॉप्टर शॉट समेत बल्लेबाजी और विकेटकीपिंगके टिप्स भी लिए। ग्रामीणों ने गांव में खेल के मैदान व क्रिकेट स्टेडियम खोलने का प्रस्ताव रखा। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में खेल का मैदान न होने से चाह कर पर भी बच्चे नहीं खेल सकते। माही ने अपने स्तर से समस्याओं के निदान का प्रयास करने का आश्वासन दिया।
धोनी के गांव में सड़क का अभाव, पगडंडियों से पहुंचे घर
धोनी के गांव ल्वाली में आज भी सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यही कारण है कि माही चायखान-बचकांडे तक कार से आने के बाद पगडंडियों से होते हुए अपने घर पहुंचे। गांव में माही व साक्षी को खुब प्यार व दुलार मिला। जिससे दोनों काफी खुश दिखे। सड़क के अभाव के चलते अपनी पुत्री को साथ नहीं ला सके। उन्होंने दो-तीन साल के बाद बेटी को गांव लाने की इच्छा जताई है ।
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