News jungal desk :-14 वर्षों के वनवास के बाद भगवान राम के अयोध्या (Ayodhya) लौटने पर यहां के वासियों घी के दीपक जलाए (light the lamp) थे और तभी से दिवाली मनाई जाती है, लेकिन भारत में ही एक राज्य ऐसा भी है, जहां के लोग दिवाली नहीं मनाते हैं या फिर बहुत ही कम लोग इस फेस्टिवल को सेलिब्रेट (celebrate) करते हैं.
खुशियों और रोशनी का त्योहार दिवाली (Diwali, the festival of happiness and lights) इस बार 12 नवंबर को मनाई जाएगी और इस वक्त बाजारों में भी जमकर रौनक देखने को मिल रही है. फिलहाल बात कर लेते हैं कि ऐसा कौन सा राज्य है जहां दिवाली सेलिब्रेट (Celebrate Diwali) नहीं की जाती है.
उत्तर भारत (North India) के रहने वाले हैं तो आपने बचपन से ही हर तरफ दिवाली की धूम देखी होगी और खुद भी दिवाली को लेकर एक्साइटेड रहते होंगे, लेकिन दक्षिण भारत (South India) यानी साउथ इंडिया में दिवाली का फेस्टिवल सेलिब्रेट (celebrate the festival) नहीं किया जाता है या फिर यहां कि बेहद कम जगह ऐसी हैं, जहां ये त्योहार मनाया जाता है.
दरअसल दक्षिण भारत (South India) में दिवाली न मनाने के पीछे पौराणिक मान्यता है कि राक्षसों के राजा बलि का पूरे दक्षिण भारत (South India) में राज था और उन्होंने यहां की राजधानी महाबलीपुरम को बनाया था. राक्षस प्रजाति के होते हुए भी लोग राजा बलि बेहद दानवीर थे और लोग उनकी पूजा करते हैं. माना जाता है कि इसी दिन राजा बलि की हार हुई थी और इसलिए ही केरल में दिवाली सेलिब्रेट (Celebrate Diwali) नहीं की जाती है.
साउथ में राजा बलि की याद में ओणम का फेस्टिवल सेलिब्रेट किया जाता है. माना जाता है कि इस दिन राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने आते हैं. इसलिए लोग अपने घरों को फूलों से सजाते हैं. फूलों की रंगोली बनाते हैं. (Decorate their homes with flowers. Make rangoli of flowers)
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