श्रवण मास में करें शिव को इन 5 चीजों से अभिषेक, होगी शिव कृपा

News Jungal Desk :– पौराणिक कथाओँ के अनुसार सृष्ठि के आरंभ से ही त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु औऱ महेश उसकी रक्षा करते आ रहे हैं। जब सावन के प्रारंभ होने से ठीक पहले विष्णु जी देवशयनी एकादशी पर योग निद्रा में चले जाते हैं, और सृष्टि के पालन की सारी ज़िम्मेदारियों से मुक्त होकर पाताललोक में विश्राम करने के लिए चले जाते हैं। तब उनका सारा कार्यभार महादेव भोले शंकर संभाल लेते हैं। सावन का प्रारंभ होते ही भगवान शिव Lord Shiva जाग्रत हो जाते हैं .और माता पार्वती के साथ पृथ्वी लोक का सारा कार्यभार संभाल लेते हैं। इसलिए सावन का महीना शिव के लिए बेहद खास होता है। इसीलिए इस माह में उनकी पूजा का महत्व भी बढ़ जाता है।

शिव पूजा के महत्वपूर्ण नियम
1. जलाभिषेक की सही विधि : जब भी भगवान शिव की पूजा करें तो शिवलिंग पर गंगाजल, साफ पानी या फिर गाय के दूध से अभिषेक करें. य​ह रुद्राभिषेक से अलग है क्योंकि यह नियमित पूजा से जुड़ा है, जबकि रूद्राभिषेक एक लंबी प्रक्रिया है. शिवलिंग का जलाभिषेक करते समय इस बात का ध्यान रखें कि जलधारा पतली और धीमी गति के साथ गिरे. तीव्र गति के साथ जलाभिषेक न करें.

जलाभिषेक हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करें. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि शिवलिंग का जलाभिषेक बैठकर या झुककर करें. सीधे खड़े होकर जलाभिषेक नहीं करना चाहिए.

2. बेलपत्र अर्पण: बेलपत्र के बिना शिव जी की पूजा अधूरी है. 3 पत्तों वाला साबुत बेलपत्र भगवान ​शिव को ​अर्पित करें. बेलपत्र को चिकने सतह की तरफ से शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. बेलपत्र के अलावा आप भांग, धतूरा, आक या मदार का फूल, शमी के पत्ते आदि भी अर्पित कर सकते हैं.

 शिवलिंग की परिक्रमा : शिव पूजा के दौरान कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए.शिवलिंग के बाईं ओर से परिक्रमा शुरू करें और अर्धचंद्राकार स्थिति तक जाकर वापस अपने स्थान पर लौट आएं. शिवलिंग के जलहरी यानि अभिषेक के दौरान जहां से जल नीचे की तरफ गिरता है, उसे लांघते नहीं हैं. इस वजह से हमेशा शिवलिंग की आधी परिक्रमा करते हैं.

4. शुद्धि के बाद ही करें शिव पूजा: जब भी आप शिव मंदिर जाएं या घर पर शिवलिंग की पूजा करें तो सबसे पहले आचमन आदि से शुद्धि जरूर कर लें. स्वयं को शुद्ध करने के बाद ही पूजन करें.

5. शिव जी को क्या न चढ़ाएं : शिव पूजा में ध्यान रखें कि तुलसी, सिंदूर, हल्दी, नारियल, शंख, केतकी का फूल आदि का उपयोग नहीं करना है. ये सभी वस्तुएं शिव पूजा में वर्जित हैं.

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