प्रतिदिन योग का डोज रखे निरोग, सरल व्यायाम से अल्जाइमर और पार्किंसन से मिलेगा आराम!

भारत विकास परिषद् के सौजन्य से शहीद उधम उधम सिंह पार्क रतनलाल शाखा में लगा तीन दिवसीय योग शिविर में योगाचार्य एवं हार्टफुलनेस के ध्यान प्रशिक्षक सीए अजीत कुमार पांडिया ने सरल व्यायाम के लाभ बताए और अभ्यास कराया ।

News Jungal Desk :– सरल व्यायाम से बढ़ती उम्र में होने वाले रोग अल्जाइमर और पार्किंसन से रोकथाम संभव है. बस नियमित अभ्यास करने की सबको जरूरत है. हार्टफुलनेस Heartfulness के ब्राइटर माइंडस रिस्टार्ट प्रोग्राम में कई ऐसे सरल व्यायाम शामिल हैं, जिसके माध्यम से आप अपनी याददाश्त को अच्छा रख सकते हैं. काम करते वक्त हाथों के हिलने जैसे समस्या से भी छुटकारा पा सकते हैं. यह जानकारी योगाचार्य एवं हार्टफुलनेस के ध्यान प्रशिक्षक सीए अजीत कुमार पांडिया ने 60 वर्ष प्राचीन सामाजिक संगठन भारत विकास परिषद् की रतनलाल शाखा के शहीद उधम सिंह पार्क, रतनलाल नगर में आयोजित ध्यान शिविर में दी.
उन्होंने बताया कि जब हम सीधे हाथ से काम करते हैं तो हमारा बायां दिमाग़ एक्टिव होता. इसी तरह से उलटे हाथ से काम करने वालों का दाहिनी तरफ का दिमाग एक्टिव होता है. अगर हम अपने छोट-छोटे दैनिक कार्य (जैसे टूथ ब्रेश करना, नहाना, लिखना और चित्र में रंग भरना आदि) रूटीन से हटकर सीधे या उल्टे हाथ से कोई कार्य करते हैं तो उस हाथ के विपरीत तरफ का मस्तिष्क तेज होता है. इस अभ्यास से संतुलन बनने के कारण काम करते वक्त हाथों के हिलने जैसी समस्या कम होती जाती है. इसी तरह याददास्त बढ़ने के लिए भी बहुत सारे व्यायाम हैं. इसका भी प्रशिक्षण शिविर में आए क्षेत्रीय लोगों को दिया गया.

हार्टफुलनेस साधना से आएगी ख़ुशी, दूर रहेंगी तमाम बीमारी

क्रॉसर
शरीरिक, मानसिक और भावनात्मक अवस्था को ठीक रखने के लिए हम सबको कवच की जरूरत है.
:योगाचार्य वीएन निगम

रक्षा विभाग में उच्चपद से रिटायर योगाचार्य एवं वरिष्ठ प्रशिक्षक वीएन निगम ने बताया कि आज की अतिव्यस्त जीवनशैली की वजह से हम हंसना भूल गए हैं. परिवार के बीच मुस्करा नहीं पाते हैं. ऑफिस से घर लौटने पर बुझे बुझे और मुरझाए से रहते हैं. अपनों के साथ बैठने का समय नहीं हैं. हममें से ज्यादा तर स्ट्रेस में रहते हैं. छोटी छोटे उम्र में हार्टअटैक से मौतें हो रही हैं. अवसाद-तनाव या अन्य कारणों से लोग फांसी लगा रहे हैं. ऐसे में अपनी शरीरिक, मानसिक और भावनात्मक अवस्था को ठीक रखने के लिए हम सबको कवच की जरूरत है. हार्टफुलनेस योग और ध्यान में क्षमता है कि तीनों अवस्थाओं (शरीरिक, मानसिक और भावनात्मक) को ही नहीं हमारी आध्यात्मिक अवस्था को भी ठीक रखती है. हार्टफुलनेस ध्यान से हम संतुलित जीवन जीने के काबिल बन सकते हैं.

आत्मा का भोजन प्राणाहुति के साथ ध्यान है : प्रदीप निगम

बैंक ऑफ़ बड़ौदा में एजीएम से सेवानिवृत एवं ध्यान प्रशिक्षक प्रदीप निगम ने बताया की योग और प्राणायाम से शरीर को स्वस्थ रखते हैं. हम मन और आत्मा के लिए क्या करते हैं? हार्टफुलनेस में चार पद्धति (शिथिलीकरण, प्राणाहुति के साथ ध्यान, सफाई और प्रार्थना ) हैं, जिससे हम अपने मन को संयमित कर सकते हैं. इसी क्रम में हम नियमित साधना से जब मन को केंद्रित करना सिख लेते हैं तो हमें लक्ष्य आसान लगने लगता है. हार्टफुलनेस शिथिलीकरण अपने मन और शरीर को शांत करने का एक वैज्ञानिक तरीका है. यह हमें किसी कार्य को बेहतर तरीके से करने के लिए तैयार करता है. वहीं, ध्यान हमारी आत्मा का भोजन है. इसका नियमित अभ्यास संतुष्ट और खुश रखता है. हार्टफुलनेस में अंत:करण की सफाई के लिए भी एक प्रभावी तकनीक है. इस तकनीक से मनस पर गहरा प्रभाव डालने वाले विचार, जिनसे हम परेशान रहते हैं, छापें और संस्कारों को हटाया जा सकता है. एक स्वस्थ मनुष्य के मस्तिष्क में 60 से 80 हजार विचार आते है. सफाई की प्रक्रिया से अनावश्यक विचारों का आना कम हो जाता है. उच्च स्वः (आत्मा ) से जुड़े रहने के लिए सुबह ध्यान से पहले और रात में सोने से पूर्व प्रार्थना बेहद कारगर है. इसके नियमित अभ्यास से हमारी आध्यात्मिक स्थिति अच्छी बनी रहती है. अंदर से शांति महसूस होती है. एयरफ़ोर्स से रिटायर योगाचार्य एवं ध्यान प्रशिक्षक ऋषि प्रकाश ने जॉइंटस के मूवमेंट के लिए कई अभ्यास कराए.

तीन दिन सबने बड़े मन से योग ध्यान सिखा : सुरेश श्रीवास्तव

कार्यक्रम के संयोजक एवं भारत विकास परिषद के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश श्रीवास्तव ने बताया कि क्षेत्रीय जनता के लिए यह तीन दिवसीय शिविर बहुत लाभदायक रहा. सबने अच्छी तरह से ध्यान योग का अभ्यास किया. प्रांतीय महासचिव राकेश श्रीवास्तव, महासचिव गिरजेश मिश्रा एवं रतनलाल नगर शाखा के अध्यक्ष अनूप सचान, सचिव सत्यप्रकाश श्रीवास्तव, संजय गुप्ता, श्री हरीशचंद्र श्रीवास्तव जी (नगर कार्यवाहक, संघ), मनोज श्रीवास्तव और संजय गुप्ता आदि मौजूद रहे.

सामाजिक सरोकार : भारत विकास परिषद के प्रमुख
कार्य- बाल संस्कार शिविर, राष्ट्रीय संस्कृत गीत प्रतियोगिता, भारत को जानो, युवा संस्कार शिविर, परिवार संस्कार शिविर, प्रतिभा अलंकरण समारोह और रक्तदान शिविर आदि हैं.

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