म्हासेपाड़ा गांव की एक बच्ची कुछ दिन पहले बीमार पड़ गई थी। परिजन ने उसे मालवाड़ा के अस्पताल में दिखाने का फैसला किया। चूंकि गांव में कोई पहुंच मार्ग नहीं है, इसलिए पीएचसी पहुंचने में देरी हो गई और समय पर इलाज न मिल पाने के कारण बच्ची की मौत हो गई।
News jungal desk: महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव से दुखी कर देने वाला मामला सामने आया है। विक्रमगढ़ तालुका के एक गांव में दो महीने से बीमार बच्ची को सही समय पर इलाज न मिल पाने के कारण उसकी मौत हो गई। दरअसल, उचित इलाज न मिल पाने का कारण आर्थिक तंगी नहीं बल्कि गांव की सड़क है। बताया जा रहा है कि सैकड़ों आबादी वाले इस गांव में अभी तक सड़कें नहीं बनी हैं।
निमोनिया के कारण हुई मौत
परिवार का कहना है कि गांव में उचित सड़क नहीं होने के कारण वह पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) तक समय पर नहीं पहुंच पाए, जिसकी वजह से बच्ची की मौत हो गई है। वहीं, विक्रमगढ़ तालुका के चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप निंबालकर ने बताया कि बच्ची की मौत बुधवार को निमोनिया के कारण हुई है।
गांव में होना चाहिए पहुंच मार्ग
बता दें, म्हासेपाड़ा गांव की एक बच्ची कुछ दिन पहले बीमार पड़ गई थी। जब वह सही नहीं हुई तो उसके माता-पिता ने उसे मालवाड़ा के नजदीकी पीएचसी में ले जाने का फैसला किया। चूंकि करीब 150 लोगों की आबादी वाले गांव में कोई पहुंच मार्ग नहीं है, इसलिए परिवार को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने के लिए भारी बारिश में एक घुमावदार रास्ता अपनाना पड़ा। वहीं, नदी पार करने के लिए लकड़ी के तख्ते रखे गए थे। बच्ची के पिता नरेश चव्हाण ने कहा कि कड़ी मशक्कत से पीएचसी पहुंचे तो, लेकिन देरी हो गई और पीएचसी पहुंचने से पहले ही बच्चे की रास्ते में मौत हो गई।
नदी पर पुल की मांग
ग्रामीणों ने कहा कि वे लंबे समय से नदी पर पुल बनवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उस पर कोई काम नहीं हुआ है ।
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