ekadashi vrat rules in hindi

Ekadashi Vrat Niyam: जाने क्यों एकादशी के दिन चावल नहीं खाया जाता है !

Ekadashi Vrat Niyam : सनातन धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा ही धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। एकादशी के दिन चावल का सेवन करने की मनाही है। जो लोग इस दिन भोजन में चावल को शामिल करते हैं, शास्त्रों के अनुसार वे लोग नरक जाते हैं और चावल को खाना मांस के खाने के बराबर माना जाता है।

 सनातन धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा ही धार्मिक महत्व (ekadashi vrat ke fayde) है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन व्रत करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।

Ekadashi Vrat Niyam

एकादशी व्रत की शुरुआत सूर्योदय से होती है और इसके अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को समाप्त होता है। मान्यता है कि जो साधक एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत (ekadashi vrat rules in hindi) करते हैं, उनके सभी कष्टों का अंत हो जाता है।

एकादशी के दिन चावल का सेवन करना वर्जित है। जो लोग इस दिन भोजन में चावल खाते हैं, शास्त्रों के अनुसार, वो लोग नरकगामी कहलाए जाते हैं और चावल को खाना मांस के सेवन के बराबर माना जाता है।

चलिए जानते हैं एकादशी के दिन चावल न खाने का क्या रहस्य है।

एकादशी के दिन चावल न खाने का धार्मिक कारण (Ekadashi Vrat 2024)

मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन चावल खाने से मनुष्य योनि से च्युत होकर उसको अगला जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है। विष्णु पुराण में जिक्र किया गया है कि एकादशी के दिन चावल खाने से पुण्य फल (Ekadashi Vrat Rules) की प्राप्ति नहीं होती है।

ekadashi vrat ke fayde

क्योंकि चावल को हविष्य अन्न (देवताओं का भोजन) कहा जाता है। यही कारण है कि देवी-देवताओं के सम्मान में एकादशी तिथि पर चावल का सेवन करना वर्जित है।

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एकादशी के दिन चावल न खाने का वैज्ञानिक कारण

Ekadashi Vrat 2024

साइंस के अनुसार, चावल में पानी की अधिक पाया जाता है। पानी पर चंद्रमा का अधिक प्रभाव पड़ता है। एकादशी के दिन चावल का सेवन करने से मनुष्य का मन चंचल (Ekadashi Vrat Niyam) हो सकता है, जिसकी वजह से आपका ध्यान पूजा-अर्चना में नहीं लग पाएगा। इसलिए इस दिन चावल खाने की मनाही है।

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