News Jungal Media

190 गांवों तक पहुंचा एकात्म अभियान: ग्रामीणों को मिल रहा ध्यान और योग प्रशिक्षण

फतेहगढ़ : हार्टफुलनेस ध्यान पद्धति चार अभ्यासों पर आधारित है। शिथिलीकरण की तकनीक से हम शरीर को तनावमुक्त करते हैं। इसके उपरांत हृदय आधारित ध्यान में हम और अधिक गहराई को महसूस कर पाते हैं. सुबह के वक्त ध्यान हमें दिनभर शांत और तनावमुक्त रखता है।

शाम के वक्त निर्मलीकरण की तकनीक हमें नकारात्मक, उत्तेजित और परेशान करने वाले विचारों से छुटकारा दिलाती हैं। इसमें हम कल्पना करते हैं कि जटिलताएं और अशुद्धयां हमारी पीठ के रास्ते बाहर जा रही हैं. 10 से 15 मिनट बाद हम जब हल्कापन मसूस करने लगते हैं, तब विचार लेते हैं कि हीलिंग ऊर्जा हमारे शरीर में आगे से प्रवेश कर रही है, साथ ही शेष बची जटिलताओं और अशुद्धियों को भी बाहर कर रही हैं. 25 मिनट तक निर्मलीकरण की प्रक्रिया को जारी रखते हैं.


यह विचार एकात्म अभियान के अंतर्गत गांव गांव में आयोजित हो रहे हार्टफुलनेस ध्यान ट्रेनरों ने ग्रामीणों के समक्ष रखे. कमालगंज के वर्ना बुजुर्ग, बलीपुर, कुड़री खेड़ा, लैन गांव में लख़नऊ से आए प्रशिक्षक सुयश तिवारी ने योग और ध्यान की जीवन में उपयोगिता बताई. कहा, शाम के वक्त की जाने वाली निर्मलीकरण की क्रिया से हमारे निद्रा चक्र में सुधार आता है।

ध्यान प्रशिक्षक गोपाल यादव ने बताया कि सुबह ध्यान से पहले और रात को प्रार्थना के शब्दों पर मनन करते हुए सो जाते हैं. नगला ताल, बहलिया नगला, हुसैनपुर, वर्ना खुर्द, नगला बृजवासी में प्रशिक्षक कृष्णा ने ध्यान कराया. प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों के बौद्धिक और संज्ञानात्मक विकास के लिए मस्तिष्क से जुड़े व्यायाम का अभ्यास भी कराया. कानपुर से आए प्रशिक्षक निरंकार सिंह ने बढ़पुर ब्लॉक के पापियापुर, अर्जुन नगला, गढ़िया के प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में प्रशिक्षण दिया. अलीगढ़ के हेमंत कुमार ने क़यामगंज में प्रशिक्षण दिया. जोनल समन्वयक डॉ. सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि 190 गांव तक एकात्म अभियान पहुंच चुका हैं.

प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि एकात्म अभियान केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सफलता पूर्वक चल रहा है. इस अभियान के तहत किसानों को गांव गांव जाकर बायो चार और जीवामृत बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि खेती किसानी की कृषि और आय की वृद्धि हो सके. बच्चों के बौद्धिक और संज्ञानात्मक क्षमता के विकास के लिए निःशुल्क मस्तिष्क से संबंधित सूक्ष्म व्यायाम और स्वास्थ शरीर के योग-प्राणायाम और ह्रदय के लिए ध्यान का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

Exit mobile version